• रिकॉर्ड मतों से जीतीं जयललिता

    चेन्नई ! तमिलनाडु की मुख्यमंत्री व ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की महासचिव जे. जयललिता ने विधानसभा उपचुनाव में मंगलवार को रिकॉर्ड मतों के अंतर से जीत हासिल की। उनकी विधानसभा में वापसी होने जा रही है। राधाकृष्णन नगर सीट के लिए 27 जून को मतदान हुआ था, जिसकी मतगणना मंगलवार को हुई।...

    चेन्नई !  तमिलनाडु की मुख्यमंत्री व ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) की महासचिव जे. जयललिता ने विधानसभा उपचुनाव में मंगलवार को रिकॉर्ड मतों के अंतर से जीत हासिल की। उनकी विधानसभा में वापसी होने जा रही है। राधाकृष्णन नगर सीट के लिए 27 जून को मतदान हुआ था, जिसकी मतगणना मंगलवार को हुई।

    जयललिता ने 1,60,432 मत हासिल कर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के उम्मीदवार सी. महेंद्रन को 1,50,722 मतों के भारी अंतर से हराया। महेंद्रन को 9,710 मत मिले।

    राधाकृष्णन नगर विधानसभा क्षेत्र में लगभग 2,45,000 पंजीकृत मतदाता हैं और जयललिता को पड़े हुए मतों में से 65 फीसदी मत मिले।

    जयललिता को मिले मतों पर गौर करें तो स्पष्ट है कि चुनाव से दूर रहने वाली अन्य पार्टियों के मत भाकपा को न जाकर जयललिता को ही मिले।

    निर्दलीय प्रत्याशी 'ट्रैफिक रामास्वामी' के उपनाम से मशहूर के. आर. रामास्वामी 4,590 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे, जबकि 2,376 मतदाताओं ने किसी भी प्रत्याशी के पक्ष में मत न देकर 'नोटा' बटन दबाया।

    एक आधिकारिक बयान के अनुसार, राज्यपाल के. रोसैया ने जयललिता को उनकी रिकॉर्ड जीत के लिए बधाई दी। एआईएडीएमके के मुख्यालय और जयललिता के आवास पर जश्न का माहौल रहा।

    पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने जयललिता की जीत की खुशी में मिठाइयां बांटे और पटाखे जलाए।

    जयललिता ने अपनी जीत के लिए मतदाताओं और एआईएडीएमके समर्थकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह जीत आने वाले विधानसभा चुनाव-2016 के परिणाम का संकेत हैं।

    वर्ष 2011 में हुए विधानसभा चुनाव में जीतकर सत्ता में आने के बाद से उपचुनाव में यह एआईएडीएमके की सातवीं जीत है। पार्टी ने 2011 के बाद हुए सभी उपचुनावों में जीत दर्ज की है।


    वर्ष 2006 में एआईएडीएमके के उम्मीदवार पी. के. शेखरबाबू ने 84,462 मत हासिल किए थे। वर्ष 2011 में एआईएडीएमके के पी. वेतरीवल ने द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) से चुनाव लड़ रहे शेखरबाबू को 31,000 मतों से हराकर 83,777 मत हासिल किए थे।

    वहीं, द्रमुक, पट्टालि मक्कल काची (पीएमके), देशीय मुरुपोक्कु द्रविड़ कड़गम (डीएमडीके), कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और मुरुमलाची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके) जैसी विपक्षी पार्टियों ने यह उपचुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था।

    भाकपा और मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने महेंद्रन को अपना संयुक्त उम्मीदवार घोषित किया था।

    राधाकृष्णन नगर से एआईएडीएमके नेता वेतरीवल वर्ष 2011 का विधानसभा चुनाव जीते थे। उन्होंने जयललिता की विधानसभा में वापसी के मद्देनजर इस सीट से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद यहां उपचुनाव कराया गया।

    गौरतलब है कि आय से अधिक संपत्ति मामले में एक निचली अदालत द्वारा दोषी करार दिए जाने के बाद जयललिता की विधानसभा सदस्यता समाप्त हो गई थी और उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

    हालांकि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने जयललिता को दोषी करार देने वाली निचली अदलात के आदेश पर रोक लगा दी और उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया।

    अदालत से बरी होने के बाद जयललिता ने दोबारा मुख्यमंत्री पद ग्रहण कर लिया, हालांकि उन्हें पद पर बने रहने के लिए छह महीने के भीतर विधानसभा की सदस्यता हासिल करनी थी।

    इस बीच कर्नाटक सरकार जयललिता को बरी किए जाने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर चुकी है।

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