• भारत सहित 57 देशों ने एआईआईबी समझौते पर हस्ताक्षर किए

    बीजिंग | भारत सहित 57 देशों ने सोमवार को एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (एआईआईबी) के समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए। इससे इस साल के आखिर तक बैंक का संचालन शुरू होने की संभावना बढ़ गई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक चीन, भारत और रूस की इसमें सर्वाधिक क्रमश: 30.34 फीसदी, 8.52 फीसदी और 6.66 फीसद हिस्सेदारी है।...

    बीजिंग | भारत सहित 57 देशों ने सोमवार को एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (एआईआईबी) के समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए। इससे इस साल के आखिर तक बैंक का संचालन शुरू होने की संभावना बढ़ गई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक चीन, भारत और रूस की इसमें सर्वाधिक क्रमश: 30.34 फीसदी, 8.52 फीसदी और 6.66 फीसद हिस्सेदारी है। उनका मताधिकार क्रमश: 26.06 फीसदी, 7.5 फीसदी और 5.92 फीसदी होगा।

    चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 57 देशों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा, "दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए जाने से एआईआईबी की स्थापना में शामिल पक्षों की प्रतिबद्धता का पता चलता है। साथ ही इससे साझा विकास के लिए उनकी एकजुटता, सहयोग, खुलापन, समावेशीकरण और इच्छाशक्ति का पता चलता है।"

    बैंक की प्राधिकृत पूंजी 100 अरब डॉलर होगी और इसमें एशियाई तथा महासागरीय देशों का योगदान 75 फीसदी तक होगा।

    बैंक का प्रमुख मकसद अवसंरचना संबंधी परियोजनाओं का वित्त पोषण है।


    राष्ट्रपति शी ने इस बैंक का प्रस्ताव अक्टूबर 2013 में रखा था। इसके एक साल बाद 21 एशियाई देशों ने इसकी स्थापना के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए, जिसमें चीन, भारत, मलेशिया, पाकिस्तान और सिंगापुर भी थे।

    अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि अमेरिका फिलहाल एआईआईबी में शामिल नहीं होगा, लेकिन अप्रैल में एशियाई विकास बैंक और विश्व बैंक की तर्ज पर इसमें शामिल होने की उम्मीद करता है।

    एडीबी के आंकड़े के मुताबिक, 2010 से 2020 के बीच अवसंरचना सुधार के लिए एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 8,000 अरब डॉलर निवेश की जरूरत होगी।

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