मुंबई । ग्रीस कर्ज संकट के कारण देश के प्रमुख शेयर बाजारों में सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को भारी गिरावट दर्ज की गई। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स 166.69 अंकों की गिरावट के साथ 27,645.15 पर और निफ्टी 62.70 अंकों की गिरावट के साथ 8,318.40 पर बंद हुआ। यह गिरावट ग्रीस के लिए एक महत्वपूर्ण समय सीमा से एक दिन पहले दर्ज की गई है, जब उसे अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) कर्ज के एक किस्त की वापसी करनी है। निवेशकों को साधारण तौर पर कर्ज वापसी की ग्रीस की क्षमता पर भरोसा नहीं है।बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 360.77 अंकों की गिरावट के साथ 27,451.07 पर खुला और 166.69 अंकों या 0.60 फीसदी गिरावट के साथ 27,645.15 पर बंद हुआ। दिन भर के कारोबार में सेंसेक्स ने 27,695.32 के ऊपरी और 27,209.19 के निचले स्तर को छुआ।नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 134.05 अंकों की गिरावट के साथ 8,247.05 पर खुला और 62.70 अंकों या 0.75 फीसदी गिरावट के साथ 8,318.40 पर बंद हुआ। दिन भर के कारोबार में निफ्टी ने 8,329.45 के ऊपरी और 8,195.65 के निचले स्तर को छुआ। कोटक सिक्योरिटीज के प्राइवेट क्लाइएंट ग्रुप रिसर्च के प्रमुख दीपेन शाह ने कहा, "ग्रीस मुद्दे के कारण यह गिरावट दर्ज की गई है। कर्जदाता ग्रीस को किस्त चुकाने के लिए और वक्त देंगे या 30 जून की समय सीमा जस-की-तस रहेगी इस बारे में भ्रम बरकरार है।" ग्रीस सरकार ने कर्ज की अगली खेप पाने के लिए पेश की जा रही शर्तो को स्वीकार करने पर देश में पांच जुलाई को जनमत संग्रह कराने का फैसला किया है। पिछले कर्ज के एक हिस्से की वापसी हालांकि उससे पहले 30 जून को ही की जानी है, जिसमें संशय बना हुआ है। ग्रीस यदि कर्ज चुका पाने में असफल रहता है, तो उसे यूरोपीय संघ से बाहर भी होना पड़ सकता है। ग्रीस ने चार जून को आईएमएफ को 30 करोड़ यूरो के कर्ज के एक किस्त को चुकाने की तिथि आगे बढ़ा दी थी। बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी गिरावट देखी गई। मिडकैप 145.98 अंकों की गिरावट के साथ 10,540.13 पर और स्मॉलकैप 165.93 अंकों की गिरावट के साथ 10,958.56 पर बंद हुआ। बीएसई के 12 में से मात्र एक सेक्टर तेज खपत उपभोक्ता वस्तु (0.28 फीसदी) में तेजी दर्ज की गई।
बीएसई के रियल्टी (2.23 फीसदी), सूचना प्रौद्योगिकी (1.70 फीसदी), प्रौद्योगिकी (1.40 फीसदी), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तु (1.37 फीसदी) और वाहन (1.37 फीसदी) में सर्वाधिक गिरावट दर्ज की गई।