आधे से अधिक जनधन खातों में नहीं हो रहा लेन-देन
नई दिल्ली ! प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बैंकिंग सेवा रहित लोगों को इसके दायरे में लाने के लिए शुरू की गई महत्वाकांक्षी जनधन योजना के तहत खुले 16 करोड़ खातों में से आधे से अधिक में अब तक एक बार भी लेन-देन नहीं हुआ है।
कई बैंक अधिकारियों ने आंकड़ों के आधार पर यह जानकारी दी है। आंकड़ों के अनुसार 3 जून तक जितने खाते खुले हैं, उनमें से 53 प्रतिशत में एकबार भी लेन-देन नहीं हुआ है और अब यह सरकार के लिए बहुत बड़ी चुनौती बनती जा रही है कि इन खातों के रखरखाव पर बैंकों के होने वाले अरबों रुपए के व्यय का वहन कौन करेगा। हालांकि शेष 47 प्रतिशत खातों में करीब 16 हजार करोड़ रुपए की राशि जमा हुई है। बैंकरों और विश्लेषकों का अनुमान है कि एक खाते को खोलकर परिचालन में बनाए रखने पर करीब 250 रुपए का वार्षिक व्यय आता है। इसका मतलब हुआ कि जनधन योजना के तहत खुले 16 करोड़ खातो में से 53 फीसदी के रखरखाव पर बैंकों को करीब 2100 करोड़ रुपए का व्यय करना पड़ेगा। आमतौर पर बैंक बचत खाते में जमा होने वाली राशि पर चार प्रतिशत ब्याज देता है, जबकि रिण पर औसतन 10 फीसदी ब्याज वसूलता है जिससे खातों के रखरखाव का खर्च निकल जाता है। प्रधानमंत्री ने पिछले वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से जनधन योजना शुरू करने का ऐलान किया था और 28 अगस्त को इसकी शुरूआत की थी। देश के साढ़े सात करोड़ ऐसे परिवारों को इस योजना के दायरे में लाने का लक्ष्य था जो बैंकिंग सेवा से वंचित थे। इस योजना को लोकप्रिय बनाने के लिए नि:शुल्क दुर्घटना बीमा और जीवन बीमा के साथ ही ओवरड्राफ्ट की सुविधा भी दी गई थी।