• सेना ने म्यांमार में घुसकर मारे उग्रवादी,रखा शहीदों की शहादत का मान

    नई दिल्ली ! भारतीय फौज ने चार जून को मणिपुर में भारतीय सेना के जवानों पर हुए हमले का बदला ले लिया है। देश की सेना ने पहली बार सीमा पार जाकर म्यांमार की सेना के साथ मिलकर उग्रवादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है। म्यांमार सेना के साथ मिलकर भारतीय सेना ने उग्रवादगियों के दो ठिकाने पर हमला करते हुए कई उग्रवादियों को मार गिराया।...

    सेना ने रखा शहीदों की शहादत का मान उग्रवादियों के खात्मे के लिए हमने म्यांमार सरकार से बात की। इसके बाद सीमा पार जाकर ऑपरेशन को अंजाम दिया गया नई दिल्ली !   भारतीय फौज ने चार जून को मणिपुर में भारतीय सेना के जवानों पर हुए हमले का बदला ले लिया है। देश की सेना ने पहली बार सीमा पार जाकर म्यांमार की सेना के साथ मिलकर उग्रवादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया है।  म्यांमार सेना के साथ मिलकर भारतीय सेना ने उग्रवादगियों के दो ठिकाने पर हमला करते हुए कई उग्रवादियों को मार गिराया।  भारतीय सेना की तरफ से यह हमला हाल ही में म्यांमार सीमा पर भारतीय सैनिकों पर उग्रवादियों की तरफ से किए गए हमले की जवाबी कार्रवाई थी।  गौरतलब है कि 4 जून को भारतीय सेना की टुकड़ी पर म्यांमार की तरफ से हमला किया गया था जिसमें 18 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। उग्रवादियों का यह हमला बीते 33 साल में मणिपुर में सेना पर हुआ सबसे खतरनाक था। इससे पहले, 1982 में राज्य में इसी तरह के हमले में 20 जवान शहीद हुए थे। उस वक्त उग्रवाद चरम पर था।  यह भी पहली बार हुआ था कि उग्रवादियों ने आरपीजी यानी रॉकेट लॉन्चर्स का इस्तेमाल किया। नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (खपलांग) ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। यह संगठन नगा समुदाय की ज्यादा आबादी वाले पूर्वोत्तरी राज्यों को मिलाकर ग्रेटर नगालैंड बनाना चाहता है। इस संगठन के साथ करीब 2000 उग्रवादी जुड़े हैं।


     

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