• हिमाचल प्रदेश में 40,000 टैक्सियां सड़कों से नदारद

    शिमला/मनाली ! राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) द्वारा हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे पर वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध के फैसले के विरोध स्वरूप आज राज्य में 40,000 से अधिक टैक्सियां सड़कों से नदारद दिखी। वाणिज्यिक वाहन संयुक्त कार्यकारी समिति के अध्यक्ष जीत राम शर्मा ने बताया, "राज्य में सभी टैक्सी, मैक्सी-कैब और ऑटो संचालकों के संघ मनाली के हिम-आंचल टैक्सी संचालक संघ द्वारा बुलाई गई एक दिवसीय हड़ताल में शामिल हैं।" उन्होंने कहा कि यह हड़ताल 29 मई आधी रात तक चलेगी। ...

    शिमला/मनाली ! राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) द्वारा हिमाचल प्रदेश के रोहतांग दर्रे पर वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध के फैसले के विरोध स्वरूप शुक्रवार को राज्य में 40,000 से अधिक टैक्सियां सड़कों से नदारद दिखी। वाणिज्यिक वाहन संयुक्त कार्यकारी समिति के अध्यक्ष जीत राम शर्मा ने बताया, "राज्य में सभी टैक्सी, मैक्सी-कैब और ऑटो संचालकों के संघ मनाली के हिम-आंचल टैक्सी संचालक संघ द्वारा बुलाई गई एक दिवसीय हड़ताल में शामिल हैं।" उन्होंने कहा कि यह हड़ताल 29 मई आधी रात तक चलेगी। मैदानी इलाकों की गर्मी से बचने के लिए पहाड़ों पर छुट्टियां मनाने आए हजारों पर्यटकों को हड़ताल की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ा। दिल्ली से यहां पहुंची एक पर्यटक प्रिया जोसेफ ने कहा, "मैं आज सुबह ही शिमला पहुंची हूं और यह वास्तव में काफी दुखद अनुभव है। यहां कोई टैक्सी नहीं है और अन्य वाहन अधिक किराया मांग रहे हैं। सरकार को परिवहन के इंतजाम करने चाहिए।" गर्मी के मौसम में हिमाचल प्रदेश के शिमला, मनाली और दूसरे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में हर रोज औसतन 10,000 पर्यटक पहुंचे हैं। इस बीच, मनाली के हिम-आंचल टैक्सी संचालक संघ की अनिश्चितकालीन हड़ताल लगातार 11वें दिन शुक्रवार को भी जारी है। हिम-आंचल टैक्सी संचालक संघ के अध्यक्ष पी.सी.ठाकुर ने आईएएनएस को बताया कि एनजीटी के इस फैसले से 1,500 से अधिक टैक्सी चालकों की आजीविका प्रभावित होगी। इसके साथ ही आतिथ्य (हॉस्पिटैलिटी) व्यवसाय से जुड़े लोगों पर भी इसका असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि मनाली में सभी कारोबारी प्रतिष्ठान आज इस हड़ताल में शामिल हैं।

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