• महंगाई की मार से घरों में खाना पकाना हुआ कम

    नई दिल्ली ! फल, सब्जी और दाल की बढ़ती कीमतों से परेशान लोग अपने घरेलू खर्च में कटौती करने के लिए बाजार में बिकने वाले बने बनाए भोज्य पदार्थों का सहारा लेने लगे हैं। यह बात उद्योग संगठन भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (एसोचैम) द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण से सामने आई है।...

    लगातार बढ़ रहीं सब्जी व दाल की कीमतेंनई दिल्ली !   फल, सब्जी और दाल की बढ़ती कीमतों से परेशान लोग अपने घरेलू खर्च में कटौती करने के लिए बाजार में बिकने वाले बने बनाए भोज्य पदार्थों का सहारा लेने लगे हैं। यह बात उद्योग संगठन भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल (एसोचैम) द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण से सामने आई है। महानगरों और बड़े शहरों में ज्यादा से ज्यादा लोग घर में खाना बनाने की बजाय बाजार में बिकने वाले बने बनाए और रेडी टू ईट खाद्य पदार्थों का सहारा ले रहे हैं। सर्वेक्षण के दौरान 78 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि रसोई के बजट को नियंत्रित रखने की सभी कोशिशें नाकाम साबित सिद्ध हुई हैं।तथा उनमें अधिकतर खर्च में कटौती करने के लिए बाजार में बिकने वाले तथा रेडी टू ईट खाद्य पदार्थों का सहारा लेना शुरु कर दिया है। आज जारी इस सर्वेक्षण के अनुसार बेमौसम बरसात के कारण पैदावार घटने से पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने और बिचौलियों की बढ़ती भूमिका के कारण बाजार में इस वर्ष आम, केला, अंगूर और सेब जैसे फलों की कीमतों में पिछले वर्ष के इसी सीजन की तुलना में 45 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है जिसके कारण मौसमी फल आम जनता की पहुंच से दूर हो गए हैं। सब्जियों के साथ-साथ फलों के दाम भी आसमान छू रहे हैं जिससे आबादी का बहुत बड़ा हिस्सा पौष्टिक आहार से वंचित हो गया है। सभी महानगरों और प्रमुख नगरों में सब्जियों और फलों के दाम आम आदमी की पहुंच से दूर हो गए हैं। दाल पहले ही थाली से दूर होने लगी थी। मध्यम वर्ग की लगभग आधी आबादी ने फलों पर किए जाने वाले खर्च का कम कर दिया है या फलों का उपभोग छोड़ दिया है। अच्छी गुणवत्ता का आम बाजार में 100 रुपए प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है जबकि अलफांसों आम की कीमत 400 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। बेमौसम बरसात के कारण आम उत्पादक राज्यों में 50 प्रतिशत तक फसल बर्बाद हो गई है।खाद्य तेलों में घटबढ़, चीनी सुस्त वैश्विक स्तर पर खाद्य तेलों में तेजी के बीच आज दिल्ली थोक जिंस बाजारों में स्थानीय मांग में उतार-चढ़ाव के कारण इनमें घटबढ़ रही। वहीं, चने में तेजी आई, जबकि गेहूं में मंदी रही और चीनी पिछले सत्र के स्तर पर स्थिर रही। अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों में चढ़ाव रहा। मलेशिया के बुरसा मलेशिया डेरिवेटिव एक्सचेंज में पाम ऑयल 0.7 प्रतिशत की तेजी के साथ 2215 रिंगिट प्रति टन पर पहुंच गया। मलेशियाई मुद्रा रिंगिट के कमजोर पडऩे तथा अलनीनो प्रभाव से अगले सत्र में उत्पादन कम रहने की आशंका के कारण वहां कीमतों में तेजी रही। अमेरिकी सोया वायदा 1.80 सेंट चढक़र 31.87 सेंट प्रति पौंड बोला गया।

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