उपराज्यपाल व दिल्ली सरकार में जंग जारीनई दिल्ली । दिल्ली सरकार ने आज केंद्रीय गृह मंत्रालय की उस अधिसूचना को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अधिकारियों, खासकर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारियों की नियुक्ति एवं तबादले का अधिकार उपराज्यपाल नजीब जंग के पास होने की बात कही गई है।दिल्ली सरकार ने इस मुद्द को न्यायमूर्ति बी.डी. अहमद और न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा की खंडपीठ के समक्ष उठाया, जिस पर सुनवाई के लिए न्यायालय ने शुक्रवार का दिन तय किया है। इस अधिसूचना की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए दिल्ली सरकार ने उच्च न्यायालय से इसे निष्प्रभावी करने की मांग की है। दिल्ली उच्च न्यायालय शुक्रवार को कानून छात्र विभोर आनंद की समान याचिका पर भी फैसला सुनाएगा। विभोर ने भी गृह मंत्रालय की अधिसूचना को न्यायालय में चुनौती दी और उपराज्यपाल जंग द्वारा वरिष्ठ नौकरशाह शकुंतला गैमलिन को कार्यवाहक मुख्य सचिव बनाए जाने को गैरकानूनी करार दिया था। खंडपीठ ने कहा, ‘दिल्ली सरकार ने भी समान याचिका पहले से ही दायर की है। हम दोनों याचिकाओं पर शुक्रवार को फैसला सुनाएंगे’।गृह सचिव से मिले उपराज्यपाल दिल्ली विधानसभा द्वारा गृह मंत्रालय की अधिसूचना के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए जाने के दूसरे दिन आज उप राज्यपाल नजीब जंग ने केन्द्रीय गृह सचिव एल.सी.गोयल से मुलाकात की। इस मुलाकात के बारे में किसी भी पक्ष द्वारा कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई, लेकिन सूत्रों के अनुसार बैठक में विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव तथा अधिसूचना को लेकर उच्च न्यायालय के आदेश और उच्चतम न्यायालय में उसे चुनौती देने वाली याचिका पर होने वाली सुनवाई के मामले पर विचार विमर्श किया गया। उपराज्यपाल नजीब जंग मुलाकात के बाद संवाददाताओं के सवालों का जबाब दिए बिना ही चले गए।