• उन्नीस करोड़ से ज्यादा लोगों को नहीं मिलता भरपेट भोजन

    नई दिल्ली ! संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के मुताबिक भारत में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयासों के बावजूद अब भी 19 करोड़ 40 लाख लोगों को भरपेट खाना नहीं मिलता है। एशिया प्रशांत के बारे में एफएओ की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि इस क्षेत्र ने 2015 तक कुपोषित लोगों की संख्या को आधा करने का सहस्त्राब्दि विकास लक्ष्य हासिल कर लिया है।...

    देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयासों को झटकानई दिल्ली !  संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के मुताबिक भारत में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयासों के बावजूद अब भी 19 करोड़ 40 लाख लोगों को भरपेट खाना नहीं मिलता है। एशिया प्रशांत के बारे में एफएओ की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि  इस क्षेत्र ने 2015 तक कुपोषित लोगों की संख्या को आधा करने का सहस्त्राब्दि विकास लक्ष्य हासिल कर लिया है।क्षेत्र में कुपोषित लोगों की संख्या में 23 करोड़ 60 लाख की कमी आई है लेकिन यह विश्व खाद्य सम्मेलन के लक्ष्य से यह काफी कम है। इस क्षेत्र के उपक्षेत्रों और देशों के बीच बहुत असमानता है। पूर्वी एशिया और दक्षिण पूर्वी एशिया ने जहां दोनों लक्ष्यों को हासिल कर लिया है, वहीं विशाल जनसंख्या वाले दक्षिण एशिया ने कोई भी लक्ष्य हासिल नहीं किया है।  रिपोर्ट के मुताबिक एशिया प्रशांत में कुल 49 करोड़ लोगों को भरपेट भोजन नहीं मिलता है और दुनिया की कुल कुपोषित आबादी का 62 प्रतिशत हिस्सा इसी क्षेत्र में है। इन देशों में एक तरफ तो लोगों में कैलोरी के साथ-साथ अन्य पोषक तत्वों की भी कमी है जबकि दूसरी तरफ मोटापे की समस्या भी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे देशों में दक्षिणपश्चिम प्रशांत द्वीपीय देशों के साथ-साथ भारत सहित एशिया के मध्यम आय वाले कई देश शामिल है।  एशिया प्रशांत क्षेत्र में कुल 12 प्रतिशत लोग कुपोषित हैं और उन्हें आर्थिक विकास का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इस क्षेत्र की सबसे बड़ी चुनौती न केवल खाद्य उत्पादन बढ़ाना है बल्कि जलवायु परिवर्तन जैसे खतरों से भी निपटना है। 

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