• बिहार: लालू के ऑफर के बीच मोदी से मिले जीतन राम

    नई दिल्ली ! बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। यह मुलाकात प्रधानमंत्री आवास 7 आरसीआर पर हुई। बिहार में राजनीतिक गतिविधयों के बीच मोदी और मांझी की इस मुलाकात को बेहद अहम माना जा रहा है। मोदी और मांझी के बीच बिहार में चुनाव के लिए गठबंधन को लेकर चर्चा हुई। मांझी एक-दो के भीतर बीजेपी के कई बड़े नेताओं से मिल सकते हैं। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पहले ही मांझी को पार्टी में आने का खुला ऑफर दे चुके हैं। नीतीश कुमार के साथ विवाद के कारण न केवल कुछ महीने पहले मांझी को बिहार में सीएम का पद छोड़ना पड़ा बल्कि जदयू ने उन्हें पार्टी से भी निकाल दिया। बिहार में सितंबर-अक्‍टूबर में चुनाव होने हैं। नाजुक जातिगत वोट समीकरणों को साधने के फेर में सभी दलों में महादलित नेता जीतनराम मांझी को अपने साथ करने की होड़ तेज हो गई है।...

    नई दिल्ली ! बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। यह मुलाकात प्रधानमंत्री आवास 7 आरसीआर पर हुई। बिहार में राजनीतिक गतिविधयों के बीच मोदी और मांझी की इस मुलाकात को बेहद अहम माना जा रहा है। मोदी और मांझी के बीच बिहार में चुनाव के लिए गठबंधन को लेकर चर्चा हुई। मांझी एक-दो के भीतर बीजेपी के कई बड़े नेताओं से मिल सकते हैं। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पहले ही मांझी को पार्टी में आने का खुला ऑफर दे चुके हैं। नीतीश कुमार के साथ विवाद के कारण न केवल कुछ महीने पहले मांझी को बिहार में सीएम का पद छोड़ना पड़ा बल्कि जदयू ने उन्हें पार्टी से भी निकाल दिया। बिहार में सितंबर-अक्‍टूबर में चुनाव होने हैं। नाजुक जातिगत वोट समीकरणों को साधने के फेर में सभी दलों में महादलित नेता जीतनराम मांझी को अपने साथ करने की होड़ तेज हो गई है। 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में जनता दल यूनाईटेड (जदयू) को 25 फीसदी महादलित वोट का साथ मिला था। जदयू के इस वोट के पीछे मांझी भी एक कारण रहे। मांझी मुसहर जाति से आते हैं और यह जाति गया, जहानाबाद, खगड़िया, सुपौल, अररिया की करीब 30 सीटों पर निर्णायक भूमिका अदा करती हैं। इसके अलावा शाहाबाद और चम्पारण की दर्जनभर सीटों पर भी इस जाति का असर है। मांझी अगर भाजपा के साथ जाते हैं या अलग भी लड़ते हैं तो दोनों स्थिति में लाभ भाजपा गठबंधन को ही होगा। जीतन राम मांझी ने दिल्ली में पीएम से मुलाकात क्यों की, इस संबंध में उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्‍होंने बस इतना कहा, ''मैंने प्रधानमंत्री से 25 मई से 29 मई के बीच मिलने का वक्त मांगा था। उन्होंने मुझे वक्त दिया इसलिए उनका शुक्रिया। मैं किसी राजनीतिक मकसद के लिए नहीं आया था। मुलाकात का एक ही कारण है कि बिहार में किसानों ने आत्महत्या शुरू कर दी है। आजादी के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है कि बिहार के किसान आत्महत्या कर रहे हैं। उन्हीं की समस्याओं से अवगत कराने के लिए मैं पीएम के पास आया था।''

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