• ‘बचाव का पर्याप्त मौका दिए बिना फांसी नहीं’

    नई दिल्ली ! सर्वोच्च न्यायालय ने आज कहा कि हत्या के उन दोषियों को पूर्व नोटिस दिए तथा परिजनों से मिलने दिए बिना तत्काल फांसी के फंदे पर नहीं लटकाया जा सकता, जिन्हें किसी अदालत ने फांसी की सजा सुनाई हो। न्यायमूर्ति ए के सिकरी और न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की अवकाशकालीन खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश के अमरोहा के प्रेमी युगल -शबनम और सलीम की याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि फांसी की सजा पाए...

    फांसी से पहले परिजनों को मिले नोटिस : न्यायालय प्रेमी युगल को फांसी देने संबंधी ‘डेथ वारंट’ को निरस्त कियानई दिल्ली !   सर्वोच्च न्यायालय ने आज कहा कि हत्या के उन दोषियों को पूर्व नोटिस दिए तथा परिजनों से मिलने दिए बिना तत्काल फांसी के फंदे पर नहीं लटकाया जा सकता, जिन्हें किसी अदालत ने फांसी की सजा सुनाई हो।  न्यायमूर्ति ए के सिकरी और न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की अवकाशकालीन खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश के अमरोहा के प्रेमी युगल -शबनम और सलीम की याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि फांसी की सजा पाए अपराधियों के भी जीने के अधिकार को यों ही दरकिनार नहीं किया जा सकता। न्यायालय ने कहा कि ऐसे अपराधियों को नोटिस जारी किये तथा परिजनों से मिलने की अनुमति दिये बगैर फांसी पर नहीं लटकाया जा सकता।  सरकारी अधिकारियों को तब तक ऐसे अपराधी को फांसी के फंदे से लटकाने की कवायद नहीं करनी चाहिए, जब तक जान बचाने के उसके सभी कानूनी उपाय समाप्त न हो जाएं।

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