• आईएस अपने लड़ाकों को हनीमून के लिए दे रहा धन

    रक्का (सीरिया) ! आईएस अपने लड़ाकों को नई-नई आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है। उसने अपने लडक़ों के लिए पेड हनीमून की व्यवस्था की है। इसके साथ अंग्रेज जिहादियों के बच्चों के लिए इंग्लिश लैंग्वेज नर्सरी भी खोली गयी है। आईएसआईएस के इस नई व्यवस्था के तहत यदि कोई लड़ाका किसी बाहरी लडक़ी से शादी करता है, तो उसे 1500 डॉलर हनीमून मनाने के लिए बोनस दिया जाता है।...

    रक्का (सीरिया) !   आईएस अपने लड़ाकों को नई-नई आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है। उसने अपने लडक़ों के लिए पेड हनीमून की व्यवस्था की है। इसके साथ अंग्रेज जिहादियों के बच्चों के लिए इंग्लिश लैंग्वेज नर्सरी भी खोली गयी है। आईएसआईएस के इस नई व्यवस्था के तहत यदि कोई लड़ाका किसी बाहरी लडक़ी से शादी करता है, तो उसे 1500 डॉलर हनीमून मनाने के लिए बोनस दिया जाता है।शादी के बाद बच्चे होने पर प्रति बच्चा 400 डॉलर और पत्नी के मनोरंजन के लिए 50 डॉलर देने की व्यवस्था है। सीरियाई लड़ाका अबू बिलाल अल होम्सी इन दिनों अपनी ट्यूनीशियाई दुल्हन के साथ हनीमून मना रहा है। दोनों के बीच ऑनलाइन चैट के जरिए जान-पहचान हुई। स्काईप के जरिए बातें होने लगी। एक दिन जान-पहचान प्यार में तब्दील हो गई। दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया। होम्सी ने उसे शादी के लिए रक्का शहर बुलाया।  24 साल की ट्यूनीशियाई लडक़ी अल्जीरिया और तुर्की होते हुए रक्का पहुंच गई। उसके साथ आईएस में भर्ती होने आई महिलाओं और लड़कियों का ग्रुप भी था। सभी महिलाओं को लग्जरी गेस्टहाउस में ठहराया गया। यहां शानदार गार्डन, फर्नीचर, एसी की व्यवस्था थी। कुछ दिनों बाद होम्सी भी वहां पहुंच गया। पहले ट्यूनीशियाई लडक़ी को आईएस का सदस्य बनाया गया। फिर दोनों ने निकाह किया और हनीमून के लिए निकल पड़े। सीरिया में कई शानदार जगहों पर मस्ती करने के बाद यह कपल रक्का शहर लौट आया। कुछ दिनों बाद होम्सी फिर लड़ाई के लिए निकल गया। उसके पीछे उसकी पत्नी और परिवार की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट की है। बताते चलें कि नए शादीशुदा जोड़ों को सीरिया और इराक के इस्लामिक स्टेट वाले क्षेत्र में स्पेशल बसों के जरिए हनीमून पर भेजा जाता है। हनीमून टूर पर जाने वाली बसों की छत पर आईएसआईएस का काला झंडा लगा होता है। सूत्रों की माने तो आईएसआईएस अपने अधिकार वाले क्षेत्र को अपना देश मानता है। इसलिए वहां लोगों के लिए सभी सुविधाएं मुहैया करा रहा है। आईएसआईएस दुनिया का पहला ऐसा आतंकवादी संगठन है, जो अपने लडक़ों को सैलरी देता है।

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