• गुर्जरों को रेल और सड़क यातायात रोकने की अनुमति क्यों दी गई

    जयपुर | राजस्थान उच्च न्यायालय ने बुधवार को राज्य की वसुंधरा राजे सरकार को रेल पटरियों व सड़कों पर धरना दे रहे गुर्जर समुदाय के प्रदर्शनकारियों को हटाने का आदेश दिया। गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला के खिलाफ अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर.एस. राठौड़ ने पुलिस से रेल की पटरियों और जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग को प्रदर्शनकारियों से खाली कराने के लिए कहा।...

    गुर्जर आंदोलन पर उच्च न्यायालय ने सख्ती दिखाईजयपुर | राजस्थान उच्च न्यायालय ने बुधवार को राज्य की वसुंधरा राजे सरकार को रेल पटरियों व सड़कों पर धरना दे रहे गुर्जर समुदाय के प्रदर्शनकारियों को हटाने का आदेश दिया। गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला के खिलाफ अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर.एस. राठौड़ ने पुलिस से रेल की पटरियों और जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग को प्रदर्शनकारियों से खाली कराने के लिए कहा।न्यायालय ने कहा, "ऐसा प्रतीत होता है कि राज्य में कानून-व्यवस्था पटरी से उतर गई है।"इसके अलावा न्यायालय ने रेलवे की संपत्ति को हुए नुकसान की भी जानकारी मांगी है।उच्च न्यायालय ने गुर्जरों के प्रदर्शन से प्रभावित पांच जिलों के जिलाधिकारियों, राजस्थान के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक और मंडल रेल प्रबंधक को गुरुवार को न्यायालय में पेश होने का आदेश दिया है।न्यायालय ने पूछा, "उन्हें (गुर्जरों) रेल और सड़क यातायात रोकने की अनुमति क्यों दी गई।"गुर्जर प्रदर्शनकारी 21 मई से रेलमार्ग पर बैठे हुए हैं। इससे दिल्ली मुबंई के बीच भी रेल यातायात बाधित हुआ है।राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद्र कटारिया ने आंदोलनरत गुर्जरों से रेलमार्ग खाली करने और आगरा-जयपुर मार्ग पर वाहनों का परिचालन होने देने का आग्रह किया।कटारिया ने कहा, "पहले हम उन्हें अदालत का फैसला समझाने की कोशिश करेंगे। अगर वे रेलमार्गो और सड़कमार्गो से नहीं हटते हैं तब फिर हमें अलग-अलग तरीकों का सहारा लेना पड़ोगा। उन्हें हटाने के लिए पुलिस का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।"राजस्थान में गुर्जर समुदाय विशेष पिछड़ा वर्ग श्रेणी के तहत पांच फीसदी आरक्षण की मांग कर रहे हैं।

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