• मोदी ने लांच किया डीडी किसान चैनल

    नई दिल्ली ! कृषि में बड़े बदलाव का अह्वान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दूरदर्शन के किसान चैनल का उद्घाटन किया और देश में धान की उत्पादकता बढ़ाने पर जोर दिया। केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत अपनी सरकार के एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर मोदी ने यह चैनल लांच किया है।...

    नई दिल्ली !  कृषि में बड़े बदलाव का अह्वान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को दूरदर्शन के किसान चैनल का उद्घाटन किया और देश में धान की उत्पादकता बढ़ाने पर जोर दिया। केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत अपनी सरकार के एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर मोदी ने यह चैनल लांच किया है।इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र की अब तक अवहेलना की जाती रही है और इसमें तेज विकास लाने की जरूरत है।मोदी ने कहा कि 50 फीसदी किसानों को तो पता तक नहीं है कि सरकार में कोई कृषि विभाग भी होता है।प्रधानमंत्री ने कहा, "कृषि में बड़े बदलाव की जरूरत है..इस क्षेत्र को किसानों के भाग्य पर छोड़ दिया गया है।"मोदी ने कहा कि यदि देश को विकास करना है तो गांवों को भी विकास करना होगा और यदि गांवों को विकास करना है तो कृषि को आगे बढ़ाने की जरूरत है।प्रधानमंत्री ने अपने 45 मिनट के संबोधन में कृषि में सुधार के कई सुझाव दिए।उन्होंने कहा, "कृषि क्षेत्र को तीन हिस्सों में बांटना होगा। इस प्रयोग का आजमा कर देखिए कृषि खुद-ब-खुद अपना विकास करने में समर्थ होती जाएगी। देश की कृषि भूमि के एक तिहाई हिस्से को पारंपरिक खेती के लिए आरक्षित रखा जाए, अन्य एक तिहाई भूमि को पशुपालन के लिए तथा शेष एक तिहाई भूमि को वन एवं इमारती लकड़ी के लिए सुरक्षित रखा जाए।"उन्होंने कहा कि देश को इमारती लकड़ी का आयात करना पड़ता है, लेकिन देश में लाखों हेक्टेयर भूमि लोगों द्वारा अपने खेतों के चारो ओर बाड़ लगाने में बर्बाद हो जाती है।मोदी ने कहा, "बाड़ लगाने की जगह उस भूमि पर पेड़ लगाएं। जब भी आपके घर में कोई लड़की जन्म ले आप पेड़ रोपें और जब उसका विवाह करना हो तब काट लें।"प्रधानमंत्री ने आधुनिक प्रौद्योगिकी की भी तरफदारी करते हुए कहा कि यदि इन आधुनिक प्रौद्योगिकी को कृषि से जोड़ा जाए तो युवा पीढ़ी फिर से कृषि की ओर उन्मुख होगी और देश की अर्थव्यवस्था में नई जान फूकेंगे।धान की उत्पादकता बढ़ाने पर मोदी ने कहा, "मौजूदा समय में देश की औसत उत्पादकता दो टन प्रति हेक्टेयर है, जबकि वैश्विक स्तर पर यह औसत तीन टन प्रति हेक्टेयर है। हमें सोचना होगा कि हम वैश्विक औसत के कैसे हासिल करें। यह देखने में छोटा लगता है, लेकिन बहुत ही कठिन है।"कृषि के क्षेत्र में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के प्रयासों की सराहना करते हुए मोदी ने कहा, "लाल बहादुर शास्त्री ने देश को एक 'जय जवान, जय किसान' का नारा दिया था। और देश के किसान इस नारे से काफी उत्साहित हुए थे।"दूरदर्शन के किसान चैनल का उद्घाटन करते हुए मोदी ने कहा कि देश के किसानों को सैटेलाइट के जरिए मिलने वाली मौसम की भविष्यवाणी से काफी फायदा होगा। साथ ही उन्होंने डीडी किसान चैनल के जरिए किसानों को मौसम के बारे में लगातार सूचित करने के लिए कहा है।मोदी ने कहा कि यह चैनल देश के किसानों को वैश्विक बाजारों के बारे में भी सूचना देगा, ताकि वे अपनी फसलों के बारे में सूचना हासिल कर सही निर्णय ले सकें।

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