नई दिल्ली ! सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार को सात नगर पालिकाओं को नगर निगम में बदलने के लिए 30 जून तक का समय दिया है, ताकि इन निगमों में चुनाव कराए जा सकें। सात नगर निकायों को आसनसोल, हावड़ा और विधाननगर-राजरहाट नगर निगम में और उनके वार्डो में पुनर्गठित किया जाना है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए.के. सिरकी और न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की अवकाश पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा, "इसमें कोई शक नहीं है कि चुनाव कराने का सर्वोच्च अधिकार राज्य निर्वाचन आयोग के पास है।" पीठ ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सात नगर निकायों को तीन नगर निगम में पुनर्गठित करने की प्रक्रिया पूरी करने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू करेगा।राज्य सरकार द्वारा नगर निकायों को पुनर्गठित करने की औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने चुनाव टालने की मांग करते हुए सर्वोच्च न्यायालय में अपील की थी। न्यायालय ने राज्य सरकारी की याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि चुनाव प्रक्रिया में आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों और अन्य निर्वाचन क्षेत्रों का सीमांकन शामिल होगा।न्यायालय ने यह भी कहा कि अगर राज्य निर्वाचन आयोग को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए केंद्रीय सुरक्षा बलों की जरूरत हो तो वह इसके लिए केंद्र सरकार से सपंर्क कर सकता है। उल्लेखनीय है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 15 मई को अपने फैसले में राज्य निर्वाचन आयोग को दो माह के भीतर सात नगर निकायों में चुनाव कराने का आदेश दिया था। इन निकायों में आसनसोल नगर निगम और कुल्टी, रानीगंज, जमुरिया, बिधाननगर, राजरहाट-गोपालपुर और बैली नगर पालिकाएं शामिल है।