• जापान में फुकुशिमा सुनामी का खतरा

    टोक्यो ! इंटरनेशनल ऑटोमिक एनर्जी एजेंसी (आईएईए) ने कहा कि जापान नियामक प्राधिकरण एवं फुकुशिमा परमाणु संयंत्र के मालिक टोक्यो इलेक्ट्रिक पॉवर कंपनी (टेपको) ने 2011 में आई सुनामी से पहले खतरे के बारे में पहले से आगाह होने के बावजूद संयंत्र की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की थी।...

    टोक्यो !   इंटरनेशनल ऑटोमिक एनर्जी एजेंसी (आईएईए) ने कहा कि जापान नियामक प्राधिकरण एवं फुकुशिमा परमाणु संयंत्र के मालिक टोक्यो इलेक्ट्रिक पॉवर कंपनी (टेपको) ने 2011 में आई सुनामी से पहले खतरे के बारे में पहले से आगाह होने के बावजूद संयंत्र की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की थी। समाचार एजेंसी क्योडो द्वारा सोमवार को सार्वजनिक की गई आईएईए की घटना पर तैयार रिपोर्ट में कहा गया है कि फुकुशिमा दाईची परमाणु ऊर्जा संयत्र में कुछ कमजोरी थी, जिसे आईएईए की ओर से की गई सुरक्षा सिफारिश के बावजूद नजरअंदाज किया गया था।आईएईए की 240 पन्नों की रिपोर्ट 42 देशों के 180 विशेषज्ञों द्वारा तैयार की गई है। यदि आईएईए की बोर्ड ऑफ डायरेक्शन की ओर से जून महीने में मंजूरी मिल जाती है, तो यह रिपोर्ट सितंबर में आयोजित आईएईए की वार्षिक बैठक में पेश की जाएगी।रिपोर्ट के मुताबिक, फुकुशिमा के तट पर 8.3 तीव्रता वाले भूकंप के खतरे को देखते हुए 2007 से 2009 के बीच विभिन्न विश्लेषणात्मक कार्य किए गए और संभावित खतरे से टेपको और जापान नियामक प्राधिकरण को आगाह भी किया गया था, लेकन बावजूद इसके, खतरे को नजरअंदाज किया और इस पर और जांच व अध्ययन किए जाने की बात कही।रिपोर्ट में कहा गया है, "टेपको ने सुनामी के खतरे के बारे में जानने के बावजूद अंतरिम क्षतिपूर्ति के उपाय नहीं अपनाए, न ही न्यूक्लियर एंड इंडस्ट्रियल सेफ्टी एजेंसी (जापान नियामक) ने टेपको पर इसके लिए दबाव बनाने की जरूरत समझी।"टेपको संयंत्र की इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली एवं आपातकालीन जेनेरेटर की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकाम रही, जिसके फलस्वरूप सुनामी के बाद संयंत्र से रेडियोएक्टिव गैस और दूषित जल संयंत्र के बाहर वातावरण में फैल गया।आपदा के कारणों एवं परिणामों का विश्लेषण करने वाली यह रिपोर्ट आने वाले वर्षो में परमाणु सुरक्षा के क्षेत्र में फायदेमंद हो सकती है।

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