• मोदी प्रभावी, पर भ्रष्टाचार का मुद्दा बरकरार

    नई दिल्ली ! देश के 72 फीसदी लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं, लेकिन साथ ही लोग यह भी मानते हैं कि भ्रष्टाचार में कमी नहीं आई है तथा अधिकांश लोग विवादास्पद भूमि विधेयक के विरुद्ध हैं। एक्सिस माई इंडिया द्वारा आईबीएन नेटवर्क के लिए कराए गए...

    नई दिल्ली !   देश के 72 फीसदी लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं, लेकिन साथ ही लोग यह भी मानते हैं कि भ्रष्टाचार में कमी नहीं आई है तथा अधिकांश लोग विवादास्पद भूमि विधेयक के विरुद्ध हैं। एक्सिस माई इंडिया द्वारा आईबीएन नेटवर्क के लिए कराए गए सर्वेक्षण के मुताबिक, संतोष का प्रमुख कारण विकास, सरकार का कुशल संचालन और महंगाई में कमी है। इस सर्वेक्षण में 20 हजार लोगों से राय ली गई, जिनमें ग्रामीण और शहरी लोगों का अनुपात 70:30 था। ये लोग 23 राज्यों के 155 जिलों से थे।सर्वेक्षण की रिपोर्ट आईएएनएस के पास उपलब्ध है, जिसके मुताबिक मोदी के विवादास्पद भूमि अधिग्रहण विधेयक को 35 फीसदी से अधिक लोग पसंद नहीं करते। इतने ही लोग इस पर अपनी राय नहीं तय कर पाए हैं, जबकि 28 फीसदी इसके पक्ष में हैं।भ्रष्टाचार के मुद्दे पर 60 फीसदी लोगों का मानना है कि या तो इसमें वृद्धि हुई है या यह पुराने स्तर पर बरकरार है। सिर्फ 12 फीसदी ने कहा कि इसमें गिरावट आई है।56 फीसदी लोगों ने मोदी को तेजी से काम करने वाला और प्रभावी प्रधानमंत्री बताया। 85 फीसदी ने स्वच्छ भारत अभियान को उनका सर्वोत्तम अभियान बताया। 76 फीसदी ने जन धन योजना को सर्वोत्तम अभियानों में दूसरे स्थान पर रखा।मोदी की दो अन्य पहल में से मेक इन इंडिया को 43 फीसदी और डिजिटल भारत को 42 फीसदी समर्थन मिला।सर्वेक्षण के मुताबिक, 34 फीसदी ने कहा कि घर वापसी जैसे बयान ने मोदी सरकार की छवि खराब की है, जबकि 32 फीसदी के मुताबिक इसका कोई असर नहीं पड़ा है। 35 फीसदी ने हालांकि इस पर कोई राय नहीं दी।43 फीसदी लोगों ने कहा कि मोदी को अपने कैबिनेट सहयोगियों को नियंत्रित करना चाहिए, जो लगातार विवादास्पद बयान देते रहते हैं। 26 फीसदी ने हालांकि इस विचार को स्वीकार नहीं किया।सरकार के कामकाज में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के हस्तक्षेप पर 32 फीसदी ने कहा कि हस्तक्षेप हो रहा है। इतने ही लोगों ने कहा कि ऐसा नहीं हो रहा है, जबकि 35 फीसदी ने कोई राय नहीं दी।सर्वेक्षण में 57 फीसदी ने मोदी को तेज एवं प्रभावी प्रधानमंत्री बताया। 15 फीसदी ने उन्हें अप्रभावी और सुस्त बताया। 2.6 फीसदी ने कहा कि उनमें इच्छा शक्ति नहीं है। 3.7 फीसदी ने कहा कि वह सख्त नहीं हैं। 6.1 फीसदी ने कहा कि उनकी छवि ठीक है, लेकिन वह अच्छे प्रशासक नहीं हैं और 13.5 फीसदी ने कहा कि वह बोलते ज्यादा और करते कम हैं।सर्वेक्षण में 42 फीसदी ने कहा कि उनकी अपनी आर्थिक स्थिति गत एक साल में बेहतर हुई है, जबकि 5.5 फीसदी ने कहा कि उनकी आर्थिक स्थिति खराब हुई है।देश की समग्र आर्थिक स्थिति के बारे में 43 फीसदी ने कहा कि स्थिति बेहतर हुई है, जबकि 20 फीसदी से कुछ अधिक ने कहा कि स्थिति में काफी अच्छी सुधार हुई है।एक्सिस माई इंडिया सर्वेक्षण के प्रमुख तथ्य इस प्रकार हैं :- विकास, सरकार का कुशल संचालन और कीमतों में कमी लाने के लिए 72 फीसदी से अधिक लोग संतुष्ट।- 26 फीसदी विकास को लेकर असंतुष्ट। 14 फीसदी महंगाई को लेकर असंतुष्ट।- 56 फीसदी मानते हैं कि मोदी तेज गति से काम करने वाले और प्रभावी प्रधानमंत्री हैं, जबकि 13 फीसदी का मानना है कि मोदी बोलते अधिक और करते कम हैं।- 15 फीसदी के लिए वह सुस्त और अप्रभावी हैं, जबकि छह फीसदी से अधिक मानते हैं कि उनकी छवि साफ है, लेकिन वह अच्छे प्रशासक नहीं हैं।- 61 फीसदी बताते हैं कि उनकी अपनी आर्थिक स्थिति सुधरी है, जबकि 63 फीसदी मानते हैं कि देश की आर्थिक स्थिति भी सुधरी है।- भूमि अधिग्रह विधेयक पर भ्रम : 35 फीसदी इसके विरोध में। इतने ही लोग उधेड़ बुन में। 28 फीसदी विधेयक के समर्थन में।- मेक इन इंडिया के 43 फीसदी समर्थक। डिजिटल भारत के 42 फीसदी समर्थक।- 32.35 फीसदी के मुताबिक आरएसएस सरकार में हस्तक्षेप कर रहा है। 35 फीसदी ने राय तय नहीं की। 32.64 फीसदी ऐसा नहीं मानते।33.65 फीसदी मानते हैं कि घर वापसी जैसे बयानों से सरकार की छवि बिगड़ी। 34.59 फीसदी ने राय तय नहीं की। 31.76 फीसदी के मुताबिक छवि नहीं बिगड़ी।

अपनी राय दें