• कोयला ब्लॉक घोटाला : मामले में जिंदल, कोड़ा, राव को जमानत

    नई दिल्ली ! उद्योगपति नवीन जिंदल, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा तथा आठ अन्य को एक अदालत ने यहां कोयला ब्लॉक आवंटन के एक मामले में शुक्रवार को जमानत दे दी। जमानत पाने वाले आठ अन्य लोगों में पूर्व कोयला राज्य मंत्री दासारि नारायण राव और पूर्व कोयला सचिव एच.सी. गुप्ता भी शामिल हैं।...

    नई दिल्ली !   उद्योगपति नवीन जिंदल, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा तथा आठ अन्य को एक अदालत ने यहां कोयला ब्लॉक आवंटन के एक मामले में शुक्रवार को जमानत दे दी। जमानत पाने वाले आठ अन्य लोगों में पूर्व कोयला राज्य मंत्री दासारि नारायण राव और पूर्व कोयला सचिव एच.सी. गुप्ता भी शामिल हैं।सभी 10 आरोपी अदालत में उपस्थित थे। उन्हें छह मई को सम्मन भेजा गया था। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश भरत पाराशर ने उन्हें जमानत दी और प्रत्येक को एक लाख रुपये का मुचलका और उतनी ही जमानत राशि जमा करने के लिए कहा।उन्हें बिना अनुमति देश नहीं छोड़ने के निर्देश भी दिए गए।आरोपियों को दस्तावेजों और सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करने और किसी भी दशा में गवाहों से नहीं मिलने का आदेश दिया गया। अदालत ने अगली सुनवाई एक जून को निश्चित कर दी।अदालत ने उन्हें जमानत पर छोड़ते हुए कहा, "निश्चित रूप से आरोप संगीन हैं। लेकिन इसके साथ ही यह भी सच है कि जांच के दौरान किसी भी आरोपी को सीबीआई ने गिरफ्तार नहीं किया और ऐसा कोई आरोप नहीं है कि वे जांच प्रक्रिया में शामिल नहीं हुए।"सीबीआई ने 29 अप्रैल को जिंदल, कोड़ा, राव, गुप्ता के साथ छह अन्य- ज्ञान स्वरूप गर्ग, सुरेश सिंघल, राजीव जैन, गिरीश कुमार जुनेजा, आर.के. सर्राफ और के रामाकृष्णन- के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किए थे।आरोप पत्र में पांच कंपनियों के भी नाम हैं, जिनमें शामिल हैं जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड, गगन स्पंज आयरन प्राइवेट लिमिटेड, जिंदल रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली एक्सिम प्राइवेट लिमिटेड एवं सौभाग्य मीडिया लिमिटेड।उन पर आपराधिक षड़यंत्र, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विभिनन प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए हैं।यह मामला झारखंड के अमरकोंडा मुर्गादंगल ब्लॉक को जिंदल स्टील तथा गगन स्पंज को आवंटित किए जाने से संबंधित है।सीबीआई के मुताबिक 35वें स्क्रीनिंग कमेटी ने आवंटन की सिफारिश की थी।सीबीआई के एक अधिकारी के मुताबिक, "आरोप है कि दिल्ली की दो कंपनियों ने ब्लॉक हासिल करने के लिए गलत तथ्य पेश किए थे। साथ ही दिल्ली की कुछ कंपनियों ने हैदराबाद की कंपनी में निवेश किए थे।"आवंटन की प्रक्रिया के समय 2006 से 2009 तक राव कोयला राज्य मंत्री थे।अधिकारियों के मुताबिक 11 जून 2013 को इस मामले में दिल्ली और हैदराबाद में 19 स्थानों पर छापा मारा गया था।अदालत ने कहा कि मामला दस्तावेजी प्रमाणों पर आधारित है, जो काफी विशाल है और इसलिए सुनवाई लंबे समय तक चल सकती है।सीबीआई के वकील वीके शर्मा ने हालांकि जमानत दिए जाने का विरोध करते हुए कहा था कि इस मामले में आरोपी ऊंचे रसूख वाले उद्योगपति और नेता है तथा अभियोजन पक्ष के गवाह सामान्यत: आरोपियों की ही विभिन्न कंपनियों में काम करते हैं और संभावना है कि यदि आरोपियों को जमानत पर मुक्त किया गया तो वे गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं और प्रमाणों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं।

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