• मप्र का कोदो-कुटकी उत्पाद भारती ब्रांड से बिकेगा

    भोपाल ! मध्य प्रदेश के जनजातीय डिंडोरी जिले की महिलाओं के स्वयं-सहायता समूहों की ओर से तैयार किए गए कोदो-कुटकी (जनजातीय इलाके का अनाज) उत्पाद को भारती ब्रांड के नाम से बाजार में बेचा जाएगा। उत्पाद का लोकार्पण पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में आयोजित दूसरी महिला पंचायत में किया। महिला बाल विकास विभाग की ओर से शुक्रवार को मिली आधिकारिक जानकारी के अनुसार, डिंडोरी जिले के 41 गांवों की बैगा जनजातीय महिलाओं ने तेजस्विनी कार्यक्रम के जरिए कोदो-कुटकी की खेती शुरू की। ...

    भोपाल ! मध्य प्रदेश के जनजातीय डिंडोरी जिले की महिलाओं के स्वयं-सहायता समूहों की ओर से तैयार किए गए कोदो-कुटकी (जनजातीय इलाके का अनाज) उत्पाद को भारती ब्रांड के नाम से बाजार में बेचा जाएगा। उत्पाद का लोकार्पण पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल में आयोजित दूसरी महिला पंचायत में किया। महिला बाल विकास विभाग की ओर से शुक्रवार को मिली आधिकारिक जानकारी के अनुसार, डिंडोरी जिले के 41 गांवों की बैगा जनजातीय महिलाओं ने तेजस्विनी कार्यक्रम के जरिए कोदो-कुटकी की खेती शुरू की। वर्ष 2012 में 1,497 महिलाओं ने प्रयोग के तौर पर 748 एकड़ जमीन पर 50 लाख 73 हजार की लागत से कोदो-कुटकी की खेती की थी। इससे 2,245 कुंटल अनाज का उत्पादन हुआ। इससे महिलाओं को 3,99,000 रुपये का फायदा हुआ। इससे प्रेरणा लेकर 2013-14 में 7,500 महिलाओं ने 3,750 एकड़ में कोदो-कुटकी की खेती की, और 15 हजार कुंटल कोदो-कुटकी का उत्पादन हुआ। जनजातीय वर्ग की महिलाओं को इससे चार करोड़ 12 लाख रुपये का मुनाफा हुआ। तेजस्विनी कार्यक्रम के जरिए इन महिलाओं के उत्पाद को बाजार में बेहतर मूल्य मिले, इसके लिए भारती ब्रांड से कोदो-कुटकी के विपणन (मार्केटिंग) का निर्णय लिया गया है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कोदो-कुटकी की बहुत मांग है। कोदो-कुटकी मधुमेह नियंत्रण, गुर्दो और मूत्राशय के लिए लाभकारी है। यह जैविक उत्पाद है, इसलिए यह रासायनिक उर्वरक और कीटनाशक के प्रभावों से भी मुक्त है।

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