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नई दिल्ली। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि वह बहुमत के बल पर लोकसभा में मनमानी करती है लेकिन राज्यसभा में उसका यह रवैया नहीं चलने दिया जाता है। केंद्र सरकार के एक साल के कार्यकाल पर एक निजी टीवी चैनल द्वारा आयोजित कार्यक्रम में आजाद ने आज कहा कि सरकार विपक्ष की राय पर गौर किए बिना ही किसी भी कानून या विधेयक को जबरन पारित कराना चाहती है। उन्होंने कहा कि लोकसभा में तो भारतीय जनता पार्टी बहुमत में है इसलिए सरकार वहां मनमानी कर रही है लेकिन राज्यसभा में उसका बहुमत नहीं है इसलिए हम उसे मनमर्जी नहीं करने देते। आजाद ने स्पष्ट किया राज्यसभा में जनहित के सभी मुद्दों को पूरी जिम्मेदारी के साथ और किसी तरह की बाधा पहुंचाए बिना पारित किया जाता है। उन्होंने कहा कि ऊपरी सदन को जिस भूमिका में होना चाहिए, उसके अनुरूप काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सरकार के लिए विपक्ष की सुनना जरूरी है लेकिन लोकसभा में उसकी नहीं सुनी जा रही है। उनका कहना था कि लोकसभा ही यदि महत्वपूर्ण होती तो राज्यसभा नहीं बनायी जाती। आजाद ने कहा कि राज्यसभा के सदस्य जन प्रतिनिधियों द्वारा निर्वाचित होते हैं इसलिए उनकी जिम्मेदारी दोगुना हो जाती है। राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव विधायकों द्वारा किया जाता है। ऐसे में राज्यसभा सदस्य की जिम्मेदारी निर्वाचित विधायक के साथ ही जनता के प्रति भी होती है और उन्हें ज्यादा जिम्मेदारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करना पड़ता है। सरकार के एक साल की उपलब्धियों पर उन्होंने कहा कि अच्छे दिन तब होते, जब देश की सवा अरब आबादी के हित मेें काम होता है।