• भाजपा पर अखिलेश यादव ने चला 'बुद्धिदांव'

    लखनऊ ! उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पिछले कुछ महीनों के बयानों को जरा याद करिए। कई मौकों पर समारोहों के दौरान उन्होंने भाजपा को घेरने की कोशिश की थी। साफ-साफ कहा था कि यह बहुत चालू लोग हैं। इनसे निपटने के लिए 'बुद्धिदांवÓ लगाना होगा। मौका देखकर शायद उन्होंने अपनी बातों को अमल में लाना शुरू कर दिया है। ...

    महाराणा प्रताप जयंती पर अवकाश के जरिए भाजपा को मात देने की कोशिशलखनऊ !   उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पिछले कुछ महीनों के बयानों को जरा याद करिए। कई मौकों पर समारोहों के दौरान उन्होंने भाजपा को घेरने की कोशिश की थी। साफ-साफ कहा था कि यह बहुत चालू लोग हैं। इनसे निपटने के लिए 'बुद्धिदांवÓ लगाना होगा। मौका देखकर शायद उन्होंने अपनी बातों को अमल में लाना शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश की समाजवादी सरकार ने महाराणा प्रताप की जयंती 9 मई को सार्वजनिक अवकाश घोषित करके ऐसी कूटनीतिक चाल चली है कि भाजपा और इससे जुड़े क्षत्रिय नेताओं को अंदरखाने पसीना तो आ ही गया होगा। यह और बात है कि वह इस पर खुलकर बोल नहीं पा रहे हैं।   सर्वविदित है कि महाराणा प्रताप वैसे तो राष्ट्रगौरव और पूरे देश के लिए राष्ट्रीय स्वाभिमान का प्रतीक हैं। रण बीच चौकड़ी भर-भरकर चेतक बन गया निराला था, राणा प्रताप के घोड़े से पड़ गया हवा का पाला था। जैसे अमरगीत की रचना श्याम नारायण पाण्डेय ने की थी और वह गौरवबोध के साथ इसे गाया भी करते थे। पर जैसा कि कई पार्टियां अपने अपने कुछ प्रतीक पुरुष बनाए हुए हैं, भाजपाइयों का महाराणा प्रताप के प्रति वही नजरिया था, लेकिन जब वोटों का सवाल खड़ा हो जाए तो समाजवादी पार्टी भला इसमें पीछे क्यों रहती? उसने महाराणा प्रताप की जयंती पर अवकाश घोषित कर भाजपाइयों के प्रतीक पुरुष को न केवल अपने साथ जोडऩे की कोशिश की है वरन प्रदेश के क्षत्रिय वोटों पर भी निशाना लगाया है। इससे पहले 17 अप्रैल को पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की जयंती पर भी अवकाश घोषित कर सपा सरकार ने क्षत्रिय वोटरों को खुद से जोडऩे की कवायद की थी।   सूत्रों का कहना है कि समाजवादी पार्टी के नेताओं को मालूम है कि केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, योगी आदित्य नाथ समेत कई दिग्गज क्षत्रिय जाति के नेता भाजपा में हैं। ऐसे में 2017 के विधानसभा चुनाव में क्षत्रिय वोटरों को जोडऩे के लिए लगातार कुछ न कुछ उपाय करने होंगे। इससे पहले सपा ने प्रदेश सरकार के मंत्री अरविंद सिंह गोप को प्रदेश संगठन का महामंत्री बनाकर क्षत्रिय वोटरों के बीच एक और संदेश देने की कोशिश की थी। सपा पर समुदाय विशेष के तुष्टीकरण का इल्जाम भी चस्पा किया जाता है। अब जब महाराणा की जयंती पर अवकाश घोषित कर दिया गया है तो दूसरे समुदाय के लोग कम से कम खुला इल्जाम तो नहीं लगा पाएंगे, क्योंकि सपाइयों के पास उसका जवाब रहेगा। महाराणा प्रताप की जयंती पर अवकाश घोषित करने के मसले पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक कहते हैं कि महापुरुषों के सम्मान में कुछ किया जाना गलत नहीं है लेकिन उसके पीछे सपा सरकार की जो नीयत है वह ठीक नहीं है। महापुरुषों को वोट बैंक से जोडऩा किसी भी तरह से उचित नहीं कहा जा सकता और सपा की नीयत यही है।

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