सांसदों पर बनी 'रिप्रेजेन्टेटिव एट वर्कÓ रिपोर्ट में खुलासालोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन आज करेंगी रिपोर्ट का विमोचननई दिल्ली ! टेलीविजन पर सजीव प्रसारण देख देख कर जनता के मन में सांसदों की छवि भले ही शोर शराबा करने वाले और जनहित के प्रति लापरवाह जनप्रतिनिधियों की बन गई हो, पर असल में सांसद अपने काम को पूरी संजीदगी से अंजाम दे रहे हैं। पंद्रहवीं लोकसभा मेंं भले ही सबसेे अधिक कामकाज बाधित हुआ हो लेकिन सांसदों ने साढ़े चार लाख से अधिक जनहित से जुड़े प्रश्न पूछे और अपने क्षेत्र के विकास के लिए आबंटित होने वाली धनराशि का 70 प्रतिशत से अधिक उपयोग किया। सांसदों की ऐसी ही जानकारियों पर एक रिपोर्ट 'रिप्रेजेन्टेटिव एट वर्कÓ आई है जिसमें कई दिलचस्प तथ्यों का खुलासा किया गया है। इस रिपोर्ट का विमोचन कल शाम लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन करेंगी। इस अवसर पर कई सांसद एवं वरिष्ठ पत्रकार भी मौजूद रहेंगे।सदन में सांसदों के हर अंदाज एवं व्यवहार पर पैनी नजर रखने वाले 'सेंटर फार डेमोके्रसी एंड पीसÓ द्वारा तैयार इस रिपोर्ट में 15वीं लोकसभा के पांच साल के कार्यकाल के दौरान सभी 545 सांसदों की भूमिका को विभिन्न कसौटियों के आधार पर विश्लेषित किया गया है। इस रिपोर्ट में सांसदों द्वारा लोकसभा में पूछे गये प्रश्नों से लेकर बहस में उनकी भागीदारी, सदन में उपस्थिति और सांसद विकास निधि जैसे तमाम विषयों पर विस्तार से जानकारी दी गयी है। संपादक नीरज गुप्ता के मुताबिक इस रिपोर्ट में सांसदों को उनकी शिक्षा, व्यवसाय, उम्र, लिंग, राज्य, राजनीतिक दल और आरक्षित सीटों जैसे तमाम मापदंडों के आधार पर विश्लेषित करने का प्रयास किया गया है। गुप्ता का कहना आमतौर पर मीडिया में लोकसभा में सांसदों की छवि हंगामा करते हुए ही दिखाई देती है, लेकिन हमारे अध्ययन में पता चलता है कि सांसदों ने तकरीबन साढ़े चार लाख प्रश्न संसद के समक्ष रखे और अपने क्षेत्र के विकास पर 70 फीसदी से ज्यादा राशि खर्च की है। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में सांसदों से जुडी हुई ऐसी ही कई अन्य दिलचस्प जानकारियों से रूबरू होने का मौका मिलेगा।