नई दिल्ली/काठमांडू ! शनिवार को नेपाल में आए 7.9 तीव्रता वाले विनाशकारी भूकंप के दौरान कुछ ही सेकेंड में भारत का एक हिस्सा करीब एक से।0 फुट तक खिसक गया। अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी के लामोंट डोहर्ती अर्थ आब्जर्वेटरी के लामोंट एसोसिएट रिसर्च प्रोफेसर कोलिन स्टार्क ने कहा, 'शनिवार को एक ओर काठमांडू और पोखरा तथा दूसरी ओर पूरे हिमालई पर्वतीय क्षेत्र का करीब एक से दो हजार वर्ग मील का क्षेत्र खिसक गया।Ó स्टार्क ने कहा, 'मात्र कुछ सेकंड में भारत का एक हिस्सा एक से।0 फुट उत्तर और नेपाल के नीचे खिसक गया।Ó स्टार्क ने कहा, 'बिहार के नीचे की चट्टान नेपाल में भरतपुर से हेतौदा होते हुए जनकपुर के क्षेत्र के नीचे खिसक गई.Ó स्टार्क ने कहा, 'यह अहसास महत्वपूर्ण है कि पूरा उत्तर भारत पूरे समय उत्तर की ओर नेपाल आदि के नीचे खिसक रहा है। बिंदु यह है कि यह खिसकना अचानक विभिन्न स्थानों पर विभिन्न समय होता ह।Ó जियोलॉजिस्ट ने निगरानी की है कि पृथ्वी की प्लेटें कितनी तेजी से चल रही हैं और उन्हें जानकारी मिली कि पूरा भारतीय उपमहाद्वीप धीरे-धीरे लेकिन निश्चित तौर पर नेपाल और तिब्बत के नीचे करीब 1.8 इंच प्रतिवर्ष की दर से खिसक रहा है।Ó नेपाल में शनिवार को आए विनाशकारी भूकंप में अब तक 4,347 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रधानमंत्री सुशील कोईराला ने मृतकों की संख्या।0,000 तक पहुंचने की आशंका व्यक्त की है। इस दौरान नेपाली सेना एवं अन्य देशों से आए राहत एवं बचाव कर्मी लगातार मलबे के ढेर में दबे जिंदा बचे लोगों की खोज में लगे हुए हैं।अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की ओर से लगातार मिल रही मदद के बीच धीरे-धीरे स्पष्ट होता जा रहा है कि यह त्रासदी नेपाल में 1934 में आए विनाशकारी भूकंप की त्रासदी से भी बड़ी होने वाली है।।934 में आए भूकंप में नेपाल में 8,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। कोईराला ने बताया कि शनिवार को आए विनाशकारी भूकंप में अब तक लगभग 4,400 लोगों की मौत हो चुकी है तथा घायलों में अनेक की हालत गंभीर है, साथ ही सैकड़ों की संख्या में लोग अभी भी लापता हैं।हादसे में मरने वालों में कम से कम 10 विदेशी नागरिक शामिल हैं, जिनमें भारत, चीन, अमेरिका, फ्रांस और आस्ट्रेलिया के नागरिक हैं। नेपाल के गृह मंत्रालय के अनुसार, भूकंप में करीब एक दर्जन नगर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जिनमें राजधानी काठमांडू और सिंधुपालचौक में सर्वाधिक जनहानि हुई है।डायरिया फैलाकुछ अस्पतालों में डायरिया फैलने की खबर है। काठमांडू के निकट पाटन के मुख्य चिकित्सालय में तैनात बासुदेव पांडेय ने बताया कि कई अस्पतालों में चिकित्सा संबंधित कचरा भी भारी मात्र में इकठ्ठा हो गया है।बिजली संकट: अंधेरे में गुजर रही रातेंबिजली का संकट अभी भी जारी है, जिससे अनेक एटीएम बंद पड़े हैं। भोजन एवं दैनिक उपयोग की अनेक वस्तुओं की भारी कमी हो गई है, जिससे लोगों में राहत कार्यो की धीमी दर को लेकर गुस्सा फैल रहा है।भारत की मदद ब्लैंक चेक की तरह : नेपाल नेपाल ने भारत से मिलने वाली मदद से अभीभूत होकर शुक्रिया कहा है। भारत में नेपाल के राजदूत दीप उपाध्याय ने कहा कि भूकंप आते ही भारत के प्रधानमंत्री ने तत्काल मदद की पेशकश की। उन्होंने कहा कि भारत की मदद हमारे लिए ब्लैंक चेक की तरह है।पानी की किल्लत:ठिठुरती ठंड में खुले आसमान के नीचे हजारों लोग राजधानी काठमांडू में पानी की भारी किल्लत हो गई है तथा कई जगहों पर महिलाएं और बच्चे प्लास्टिक की बाल्टियां लिए पानी के लिए लाइन में खड़े दिखाई दिए। भूकंप में हजारों की संख्या में घर या तो ध्वस्त हो गए हैं या इतने क्षतिग्रस्त हो गए हैं कि रहने लायक नहीं रह गए हैं। हजारों पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को लगातार तीसरी रात ठिठुरती ठंड में खुले आसमान के नीचे गुजारनी पड़ी।