• भारत कैसे हो सकता है 'स्कैम इंडिया'

    नई दिल्ली ! इसी माह के प्रारंभ में तीन देशों की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए बयानों पर राज्यसभा में मंगलवार को हंमागा देखने को मिला। सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ओर के सदस्यों की आवाज गूंज रही थी, जिस कारण भोजनावकाश के पूर्व के सत्र में राज्यसभा तीन बार स्थगित करनी पड़ी। ...

    मोदी के बयान पर राज्यसभा में हंगामा, भाजपा ने किया बचाव पहले की गंदगी साफ कर रहे हैं।  वह भारत की 'स्कैम इंडिया' की छवि को 'स्किल इंडिया' में बदलना चाहते हैं नई दिल्ली !  इसी माह के प्रारंभ में तीन देशों की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए बयानों पर राज्यसभा में मंगलवार को हंमागा देखने को मिला। सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ओर के सदस्यों की आवाज गूंज रही थी, जिस कारण भोजनावकाश के पूर्व के सत्र में राज्यसभा तीन बार स्थगित करनी पड़ी। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा की गई टिप्पणियों से देश का अपमान हुआ है। शर्मा का इस मुद्दे पर पूरे विपक्ष ने समर्थन किया। शर्मा ने कहा, "प्रधानमंत्री ने कुछ बातें कही थी जिस पर स्पष्टीकरण की आवश्यकता है। सभी प्रधानमंत्रियों ने एक परंपरा को बनाए रखा है, जब भी वे विदेश दौरे पर जाते हैं तो पूरे देश के प्रधानमंत्री की हैसियत से जाते हैं। विपक्ष भी एक परंपरा का निर्वाह करता है, जब प्रधानमंत्री देश से बाहर होते हैं, विपक्ष उनकी निंदा नहीं करता।"सदन का निर्धारित कार्य रोकने और इस मामले पर चर्चा का नोटिस देते हुए शर्मा ने कहा, "कनाडा में उन्होंने भारत को 'स्कैम इंडिया' कहा था। भारत कैसे घोटाला हो सकता है। कुछ गलतियां हुई होंगी लेकिन देश घोटाला नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि वह 60 साल की गंदगी साफ कर रहे हैं। उन्होंने अपने पद की गरिमा कम की है और उन्होंने पूर्व के सभी प्रधानमंत्रियों का अपमान किया है।"आनंद शर्मा ने कहा, "वह भारत के प्रधानमंत्री की हैसियत से देश के बाहर जाते हैं न कि भाजपा नेता की हैसियत से।" उन्होंने कहा कि सत्ताधारी पार्टी के नेताओं ने भी उनका विरोध किया। आनंद शर्मा के साथ-साथ जनता दल (युनाइटेड) के नेता शरद यादव, समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव, बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती, तृणमूल कांग्रेस के नेता सुखेंदु शेखर रॉय और मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता तपन कुमार सेन ने भी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विदेश दौरे पर की गई टिप्पणियों का विरोध किया। सदन के नेता अरुण जेटली ने हालांकि कहा कि अगर प्रधानमंत्री के बयान पर चर्चा होगी तो घोटालों पर भी चर्चा की जाएगी। जेटली ने कहा, "प्रधानमंत्री ने बयान दिया था कि हम निर्णय प्रक्रिया को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं। मैं समझता हूं कि कांग्रेस इस प्रक्रिया से नाखुश है।"उन्होंने कहा, "अगर हम इस पर चर्चा करें तो पिछले 60 सालों में हुए सभी घोटालों पर चर्चा होगी।"राज्यभा के उपसभापति पी.जे. कुरियन ने इसके बाद चर्चा के लिए दिए गए नोटिस को अस्वीकार कर दिया। इसके बाद कांग्रेस के सदस्य अध्यक्ष के आसन के पास पहुंच गए। इसके बाद सदन पहले दोपहर तक के लिए स्थगित हुआ, इसके बाद 15 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा और फिर अंत में दो बजे तक सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी गई।सदन के बाहर प्रधानमंत्री का बचाव करते हुए संवाददाताओं से बातचीत में जेटली ने कहा कि भारतीय प्रवासियों के बीच भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चर्चा करने में कोई बुराई नहीं है।जेटली ने आश्चर्य जताते हुए कहा, "भ्रष्टाचार गुनाह नहीं, लेकिन उस पर चर्चा गुनाह है।" उन्होंने कहा कि कांग्रेस की तरफ से मोदी की टोरंटो की टिप्पणी पर सवाल उठाना बेहद विचित्र है, क्योंकि वर्तमान सरकार देश को घोटालों से कौशल युक्त भारत की तरफ ले जा रही है।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने संवाददाताओं को बताया, "उन्होंने जो कहा है, उसके लिए उन्हें जरूर माफी मांगनी चाहिए।"उल्लेखनीय है कि अपनी कनाडा यात्रा के दौरान टोरंटो में भारतीयों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार पर हमला बोलते हुए कहा था कि वह पहले की गंदगी साफ कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि वह भारत की 'स्कैम इंडिया' की छवि को 'स्किल इंडिया' में बदलना चाहते हैं।मोदी ने टोरंटो में कहा था, "जिनको गंदगी करनी थी, वो गंदगी करके चले गए, पर हम सफाई करेंगे।"

अपनी राय दें