• नेपाल भूकंप में मौतों की आंकड़ा 10 हजार पहुंचने का अंदेशा

    काठमांडू ! कुदरत की मार से जूझ रहे नेपाल में हर दिन मौतों के आंकड़ों में बढ़ोतरी हो रही है। प्रधानमंत्री सुशील कोईराला ने मृतकों का आंकड़ा 10 हजार तक पहुंचने की आशंका जताई है। 7.9 तीव्रता के भीषण भूकंप की मार झेल रहे नेपाल में मंगलवार को बचावकर्मी सुदूरवर्ती इलाके तक बचावकार्य के लिए पहुंचे। ...

    काठमांडू !   कुदरत की मार से जूझ रहे नेपाल में हर दिन मौतों के आंकड़ों में बढ़ोतरी हो रही है। प्रधानमंत्री सुशील कोईराला ने मृतकों का आंकड़ा 10 हजार तक पहुंचने की आशंका जताई है। 7.9 तीव्रता के भीषण भूकंप की मार झेल रहे नेपाल में मंगलवार को बचावकर्मी सुदूरवर्ती इलाके तक बचावकार्य के लिए पहुंचे। कोईराला ने यहां भारत, चीन व अमेरिका के राजदूतों से कहा कि लगभग 4,400 लोगों के मारे जाने की पहले ही पुष्टि हो चुकी है, घायल हजारों लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है और सैकड़ों लापता हैं। मृतकों का आंकड़ा 10 हजार तक पहुंचने की आशंका है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि भूकंप में 7500 लोग घायल हुए हैं। यह बेहद भयावह स्थिति है। इस दौरान नेपाली सेना एवं अन्य देशों से आए राहत एवं बचावकर्मी लगातार मलबे के ढेर में दबे जिंदा बचे लोगों की खोज में लगे हुए हैं।अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की ओर से लगातार मिल रही मदद के बीच धीरे-धीरे स्पष्ट होता जा रहा है कि यह त्रासदी नेपाल में 1934 में आए विनाशकारी भूकंप की त्रासदी से भी बड़ी होने वाली है। 1934 में आए भूकंप में नेपाल में 8,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि भूकंप से 39 जिलों के 80 लाख लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 20 लाख लोग 11 सबसे अधिक प्रभावित जिलों के हैं। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि पीड़ितों की तत्काल प्राथमिकता भोजन, पानी, आवास व दवाएं हैं और 14 लाख लोगों को भोजन की तत्काल जरूरत है। मेडिसिंस सैंस फ्रंटियर्स (एमएसएफ) या डॉक्टर्स विद्आउट बॉडर्स ने प्रारंभिक सर्वेक्षण के बाद कहा कि शौचालय व साफ पानी के अभाव में सफाई की समस्या बेहद बद्तर है, खासकर काठमांडू में। प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार प्रकाश अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि त्रासदी को लेकर चिंतित कोईराला ने मंगलवार को अपने दोनों पड़ोसी देशों चीन और भारत के अलावा अमेरिका के राजदूतों से मुलाकात की और कहा कि मृतकों की संख्या 10,000 पहुंच सकती है।हादसे में मरने वालों में कम से कम 10 विदेशी नागरिक शामिल हैं, जिनमें भारत, चीन, अमेरिका, फ्रांस और आस्ट्रेलिया के नागरिक हैं।इस बीच राजधानी काठमांडू में पानी की भारी किल्लत हो गई है तथा कई जगहों पर महिलाएं और बच्चे प्लास्टिक की बाल्टियां लिए पानी के लिए लाइन में खड़े दिखाई दिए।भूकंप में हजारों की संख्या में घर या तो ध्वस्त हो गए हैं या इतने क्षतिग्रस्त हो गए हैं कि रहने लायक नहीं रह गए हैं। हजारों पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को लगातार तीसरी रात ठिठुरती ढंड में खुले आसमान के नीचे गुजारनी पड़ी।शनिवार को आए 7.9 तीव्रता वाले भूकंप के बाद से अब तक भूकंप के कई झटके आ चुके हैं, जिससे लोगों में दहशत का माहौल है।नेपाल के गृह मंत्रालय के अनुसार, भूकंप में करीब एक दर्जन नगर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जिनमें राजधानी काठमांडू और सिंधुपालचौक में सर्वाधिक जनहानि हुई है।काठमांडू में अब तक 1,039 जबकि सिंधुपालचौक में 1,176 लोगों की मौत हो चुकी है।कुछ अस्पतालों में डायरिया फैलने की खबर है। काठमांडू के निकट पाटन के मुख्य चिकित्सालय में तैनात बासुदेव पांडेय ने बताया कि कई अस्पतालों में चिकित्सा संबंधित कचरा भी भारी मात्र में इकट्ठा हो गया है।उन्होंने बताया कि कई लोगों ने निकटवर्ती गांव ललितपुर में भी डायरिया फैलने की खबर दी है।बिजली का संकट अभी भी जारी है, जिससे अनेक एटीएम बंद पड़े हैं। काठमांडू की सड़कों पर कुछ-एक वाहन देखे गए। भोजन एवं दैनिक उपयोग की अनेक वस्तुओं की भारी कमी हो गई है, जिससे लोगों में राहत कार्यो की धीमी दर को लेकर गुस्सा फैल रहा है।इस बीच प्रधानमंत्री कोईराला ने भूकंप पीड़ितों की मदद तथा नेपाल को पुनर्निर्मित करने में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से और मदद की गुहार लगाई है तथा मदद में तेजी लाने का आग्रह किया है।

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