• आतंकवाद की कठोर शब्दों में निंदा

    नई दिल्ली ! भारत तथा अफगानिस्तान ने मंगलवार को आतंकवाद की कठोर शब्दों में निंदा की। भारत यात्रा पर आए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि अच्छे व बुरे आतंकवादियों में कोई फर्क नहीं किया जाना चाहिए और इस बीमारी से लड़ने के लिए संयुक्त क्षेत्रीय व वैश्विक दृष्टिकोण का आह्वान किया। गनी ने कहा, "आतंकवाद से मुकाबला और इसका खात्मा होना चाहिए। ...

    नई दिल्ली !  भारत तथा अफगानिस्तान ने मंगलवार को आतंकवाद की कठोर शब्दों में निंदा की। भारत यात्रा पर आए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने कहा कि अच्छे व बुरे आतंकवादियों में कोई फर्क नहीं किया जाना चाहिए और इस बीमारी से लड़ने के लिए संयुक्त क्षेत्रीय व वैश्विक दृष्टिकोण का आह्वान किया। गनी ने कहा, "आतंकवाद से मुकाबला और इसका खात्मा होना चाहिए। हम अफगानिस्तान को आतंकवाद की कब्रगाह बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारी प्रतिबद्धता को कम करके नहीं आंका जाना चाहिए और अपने अभियान में हम विफल नहीं होंगे।"तीन दिवसीय दौरे पर सोमवार रात भारत पहुंचे गनी ने आतंकवाद की बीमारी से लड़ने, उसका इलाज करने के लिए शांति व सहयोग के क्षेत्रीय रूपरेखा पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "हर तरह की हिंसा के लिए सहयोग की क्षेत्रीय प्रकृति को बदलने के प्रति हम प्रतिबद्ध हैं। आतंकवाद का वर्गीकरण अच्छे व बुरे के रूप में नहीं किया जा सकता। इससे भेदभाव नहीं किया जा सकता। हमारे पास एकीकृत दृष्टिकोण होना चाहिए और इससे मुकाबले के लिए हमें क्षेत्रीय व वैश्विक तौर पर एकजुट होना चाहिए।"उल्लेखनीय है कि अमेरिका व उसके मित्र पाकिस्तान ने आतंकवादियों का अच्छे व बुरे में फर्क किया है, जिसे भारत ने पूरी तरह खारिज करते हुए कहा है कि आतंकवादी अच्छे या बुरे नहीं हो सकते।अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "भारत आतंकवाद और चरमपंथी हिंसा से जूझ रहे अफगानिस्तान के दर्द को समझता है। आतंकवादी हिंसा ने कई जिंदगियां लील ली हैं और प्रगति को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि भारत और अफगानिस्तान के दिल सालों से जुड़े हुए हैं।"मोदी ने कहा कि भारत अफगानिस्तान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार है और उन्होंने क्षेत्र में अफगास्तिान को संपर्क का केंद्र बनाने के गनी के दृष्टिकोण का समर्थन किया। उन्होंने कहा, "हमारा मानना है कि अफगानिस्तान से भारत के सतह संपर्क व दक्षिण एशिया के बाकी देशों से समुद्र से बढ़ते संपर्क से अफगानिस्तान एक केंद्र बन जाएगा जो एशिया के विभिन्न क्षेत्रों को आपस में जोड़ेगा।"मोदी ने कहा कि अटारी जांच चौकी पर अफगानिस्तानके ट्रकों के स्वागत के लिए तैयार है और अफगानिस्तान-पाकिस्तान व्यापार व पारगमन समझौता में भी शामिल होगा।प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ प्रतिनिधि मंडल स्तर की वार्ता के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, "राष्ट्रपति गनी और मैंने उनके देश के पुनर्निर्माण के ऐतिहासिक प्रयास पर चर्चा की। हम भारतवासी शांति एवं समृद्ध भरे भविष्य के लिए अफगानिस्तान के लोगों के साहस की प्रशंसा करते हैं।"उन्होंने कहा, "भारत और अफगानिस्तान के संबंध सिर्फ दो देशों या सरकारों के बीच का नहीं है, यह मानव हृदय के बीच शाश्वत संबंध है। मैंने शांतिपूर्ण एवं स्थिर अफगानिस्तान को लेकर राष्ट्रपति गनी के दृष्टिकोण का समर्थन किया है।"उन्होंने कहा, "हम आतंकवाद और चरमपंथी हिंसा से संबंधित अफगानिस्तान के दर्द को समझते हैं जिसने जिंदगियां तबाह की हैं और प्रगति रोक दी है।"प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपने प्रयास में अफगानिस्तान के बच्चों पर विशेष ध्यान दे रहा है।उन्होंने कहा, "भारत वैश्विक महत्व के मिशन में अफगानिस्तान की जनता के साथ कंधे से कंधा मिला कर आपके साथ चलेगा।"मोदी ने कहा, "भौगोलिक तथा राजनीतिक अंतर के बावजूद साझेदारी बढ़ी है। यह एक चिरस्थाई प्रतिबद्धता है।"

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