• पुराने कर मुद्दों पर उच्चस्तरीय समिति गठित होगी

    लंदन/नई दिल्ली ! भारतीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा है कि पुराने कर संबंधी मुद्दों को सुलझाने के लिए केंद्र सरकार एक उच्चस्तरीय समिति गठित करेगी और प्रणाली को व्यावहारिक बनाएगी। फायनेंशियल टाइम्स में सोमवार को प्रकाशित एक आलेख में जेटली ने लिखा है, "मैं एक उच्चस्तरीय समिति गठित करने के बारे में सोच रहा हूं, जो कर संबंधी पुराने मुद्दों को सुलझाने के लिए काम करेगी और ऐसी व्यवस्था बनाने के लिए काम करेगी ताकि निवेशकों को निश्चितता महसूस हो।"...

    लंदन/नई दिल्ली !    भारतीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा है कि पुराने कर संबंधी मुद्दों को सुलझाने के लिए केंद्र सरकार एक उच्चस्तरीय समिति गठित करेगी और प्रणाली को व्यावहारिक बनाएगी। फायनेंशियल टाइम्स में सोमवार को प्रकाशित एक आलेख में जेटली ने लिखा है, "मैं एक उच्चस्तरीय समिति गठित करने के बारे में सोच रहा हूं, जो कर संबंधी पुराने मुद्दों को सुलझाने के लिए काम करेगी और ऐसी व्यवस्था बनाने के लिए काम करेगी ताकि निवेशकों को निश्चितता महसूस हो।"उन्होंने लिखा, "यह यद्यपि पुराने मुद्दे हैं, फिर भी हम मानते हैं कि इनका तुरंत निराकरण होना चाहिए।"आलेख में जेटली ने कहा, "समिति को तुरंत अपनी राय देने के लिए कहा जाएगा, ताकि जल्द से जल्द कदम उठाया जा सके। हमने 21वीं सदी के मुताबिक कर नीति बनाई है। हमारा कर प्रशासन पुराने युग में नहीं रह सकता है। हम ऐसा होने नहीं देंगे।"विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों पर न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) लगाने के बारे में स्पष्टीकरण देते हुए उन्होंने कहा कि यह फैसला एक अर्धन्यायिक निकाय ने लिया है, जिसका गठन हमारी सरकार के सत्ता में आने से पहले हुआ था। इसका गठन निवेशकों में यह भरोसा पैदा करने के लिए किया गया था कि कर प्रणाली में राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होगा।इस बीच नई दिल्ली में एक व्याख्यान में जेटली ने सोमवार को एक बार फिर स्पष्ट किया कि कर व्यवस्था पिछली तिथि के प्रभाव से लागू होने वाली नहीं होनी चाहिए। इससे विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा।जेटली केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के प्रथम निदेशक डी.पी. कोहली स्मारक व्याख्यान दे रहे थे। जेटली ने कहा, "हमारी कर व्यवस्था सरल होनी चाहिए ताकि कर वसूली बढ़े। हमारी कर व्यवस्था पिछली तिथि के प्रभाव से लागू होने वाली नहीं होनी चाहिए। सरकार लोगों से पिछली तिथि के प्रभाव से कर नहीं लेना चाहती है।"

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