• अभी बाकी है केदारनाथ धाम की मरम्मत

    देहरादून ! कपाट खुलने के साथ ही बाबा केदार के दर्शनों को देशभर से श्रद्धालुओं की भीड़ धाम पहुंच रही है। सरकार के स्तर से तो तैयारियां लगभग पूरी होने की बात की जा रही है। लेकिन आपदा के दौरान मंदिर को पहुंचे नुकसान की भरपाई अब तक नहीं हो सकी हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वे (एएसआई) ने अब मंदिर की मरम्मत का काम शुरू करने का निर्णय लिया है। ...

        देहरादून !   कपाट खुलने के साथ ही बाबा केदार के दर्शनों को देशभर से श्रद्धालुओं की भीड़ धाम पहुंच रही है। सरकार के स्तर से तो तैयारियां लगभग पूरी होने की बात की जा रही है। लेकिन आपदा के दौरान मंदिर को पहुंचे नुकसान की भरपाई अब तक नहीं हो सकी हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वे (एएसआई) ने अब मंदिर की मरम्मत का काम शुरू करने का निर्णय लिया है। अलबत्ता एएसआई के काम से धाम आने वाले श्रद्धलुओं को कोई दिक्कत नहीं होगी।बदलने की प्रक्रिया को राज्य में दरबार मूव के नाम से जाना जाता है बताया जा रहा है कि 2013 की आपदा के वक्त बाबा केदार के मंदिर को भी क्षति पहुंची थी। इस मंदिर के कुछ पत्थर अपने स्थान से खिसक गए हैं। एएसआई ने इस क्षति का आंकलन तो कर लिया था। लेकिन कपाट बंद होने और मौसम के मिजाज की वजह से मरम्मत का काम शुरू नहीं हो सका था।  एएसआई ने अब मंदिर का मरम्मत का पूरा इंतजाम कर लिया है। इसके लिए राज्य सरकार से भी सहयोग मांगा गया है। एएसआई चाहता है कि सरकार मरम्मत का सामान धाम तक पहुंचाने और मजदूर आदि के मामलों में सहयोग करे। बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ने एएसआई को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। एएसआई ने मंदिर की मरम्मत की रणनीति इस तरह से तैयार की है,जिससे यात्रा में किसी तरह की बाधा न आए। तय किया गया है कि दिन में तो श्रद्धालु बाबा के दर्शन करेंगे और एएसआई की टीम रात में मंदिर की मरम्मत का काम करेगी। माना जा रहा है कि मंदिर की पूरी तरह से मरम्मत करने में चार माह से भी ज्यादा का वक्त लग सकता है।

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