• 'खाप पंचायत बन गई आप'

    नई दिल्ली ! आम आदमी पार्टी से निकाले जाने के एक दिन बाद प्रशांत भूषण ने मंगलवार को पार्टी के पूर्व साथियों को जमकर निशाने पर लिया और कहाकि आप अब खाप पंचायत बन गई है। उन्होंने कहाकि, एक नेता के साथ आप अब खाप पंचायत बन गई है। आप में एक तानाशाह है और प्रत्येक व्यक्ति को उसकी बात माननी होगी।...

    प्रशांत भूषण ने केजरीवाल को बताया तानाशाहनई दिल्ली !  आम आदमी पार्टी से निकाले जाने के एक दिन बाद प्रशांत भूषण ने मंगलवार को पार्टी के पूर्व साथियों को जमकर निशाने पर लिया और कहाकि आप अब खाप पंचायत बन गई है। उन्होंने कहाकि, एक नेता के साथ आप अब खाप पंचायत बन गई है। आप में एक तानाशाह है और प्रत्येक व्यक्ति को उसकी बात माननी होगी।भूषण ने कहाकि, जिन लोगों ने उन्हें निकाला है वे खुद गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं। आप की भावना और संविधान का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय हमारे खिलाफ कार्रवाई की गई। हम निराश है कि आप क्या से क्या बन गई। कुछ आप नेताओं ने अपनी शर्म गिरवी रख दी और अपने नेता के लिए कुछ भी कर देंगे। उन्होंने कहाकि, दिल्ली विधानसभा चुनावों के बाद ही अरविंद केजरीवाल ने फरमान जारी कर दिया था कि मुझे और योगेन्द्र यादव को आप से निकाल दिया जाए। पूर्व आप नेता ने कहाकि, हमें निकालने का यह सारा नाटक दो महीने पहले शुरू हुआ जब हमें राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निकालने के प्रयास किए जा रहे थे। भगवान का भला हो यह नौटंकी खत्म हो गई। हालांकि उन्होंने इस फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने से मना कर दिया और कहाकि हम हमारा समय और ऊर्जा इसमें नहीं लगाना चाहते। इसके बजाय राजनीति की सफाई के लिए हम स्वराज अभियान में लगेंगे। धर्मवीर गांधी भी हटाए गए, भगवंत मान आप संसदीय दल के नेता असंतुष्टों के खिलाफ कार्रवाई जारी रखते हुए आम आदमी पार्टी ने आज संसदीय दल के नेता पद से धर्मवीर गांधी को हटा दिया, जिन्होंने योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को राष्ट्रीय कार्यकारिणी से निष्कासित किए जाने के खिलाफ आवाज उठाई थी। उनकी जगह अरविन्द केजरीवाल के वफादार भगवंत मान को दी गई है। यह निर्णय भूषण, यादव, आनंद कुमार और अजित झा को देर रात पार्टी से निकाले जाने के कुछ घंटे बाद आया। पिछले साल लोकसभा चुनाव में पटियाला निर्वाचन क्षेत्र से परणीत कौर को बुरी तरह हराने वाले गांधी भूषण और यादव को पार्टी के शीर्ष पदों से हटाए जाने के तरीके को लेकर पार्टी नेतृत्व के घोर आलोचक थे।

अपनी राय दें