• आगरा मानसिक अस्पताल में किसानों के लिए विशेष शाखा

    बेमौसम बारिश के कारण फसलें खराब होने के सदमे में उत्तर प्रदेश में 400 से अधिक किसान आत्महत्या कर चुके हैं। ऐसी घटनाओं को संज्ञान में लेते हुए आगरा मानसिक अस्पताल में सदमे में आए किसानों के लिए एक विशेष शाखा खोली है। ...

    आगरा/मथुरा/वृंदावन| बेमौसम बारिश के कारण फसलें खराब होने के सदमे में उत्तर प्रदेश में 400 से अधिक किसान आत्महत्या कर चुके हैं। ऐसी घटनाओं को संज्ञान में लेते हुए आगरा मानसिक अस्पताल में सदमे में आए किसानों के लिए एक विशेष शाखा खोली है। चिकित्सा अधीक्षक डी.एस. राठौड़ ने बताया, "आगरा मानसिक अस्पाल ने संकट एंव आत्महत्या रोकथाम सहायता क्लीनिक खोला है। ओपीडी में रोगियों की संख्या अचानक 400 तक हो गई है। नए रोगियों में अधिकतर किसान हैं।" ब्रज क्षेत्र (मथुरा से लगभग 100 किलोमीटर दूर) के कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि मार्च और अप्रैल में हुई बारिश और ओलावृष्टि उस समय हुई जब फसलें कटाई के लिए तैयार थीं। सबसे ज्यादा नुकसान आलू, गेहूं और सरसों की फसलों को हुआ है। उत्तर प्रदेश सरकार ने 400 किसानों की मौत के बाद, खराब मौसम से प्रभावित 65 जिलों की एक सूची जारी की थी। राजस्व सचिव सुरेश चंद्रा ने बताया कि लगभग 55 किसानों ने आत्महत्या की थी, जबकि 350 से अधिक किसानो ंकी मौत सदमा लगने से हुई थी। चंद्रा ने इस सप्ताह की शुरुआत में लखनऊ में संवादााताओं को बताया था कि राज्य संकटग्रस्त किसानों की मदद के लिए केंद्र से 3,500 करोड़ रुपये की मांग करेगा।इस बीच, घटिया और एकतरफा मुआवजा नीति को लेकर राज्य सराकर के प्रति रोष जारी है। मथुरा के अतिरिक्ति जिला मजिस्ट्रेट (वित्त) धीरेंद्र सचान ने  बताया, "हम तेजी से काम कर हरेहैं। अभी तक हम 23,063 किसानों को 16 करोड़ रुपये मुआवजा बांट चुके हैं।"अधिकारियों का अनुमान है कि खराब मौसम से इलाके में लगभग 5,00,000 किसान प्रभावित हुए हैं।

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