• जयललिता की जमानत अवधि बढ़ी

    नई दिल्ली ! सर्वोच्च न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति मामले में सजा पा चुकीं तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता तथा अन्य की जमानत अवधि तबतक के लिए बढ़ा दी है, जबतक कि दोषसिद्धि तथा सजा के खिलाफ उनकी याचिका पर कर्नाटक उच्च न्यायालय फैसला नहीं सुना देता। जयललिता के अलावा, उनकी सहयोगी एन.शशिकला, वी.एन.सुधाकरन तथा जे.एलावरासी की जमानत अवधि को विस्तार दिया गया है।...

    नई दिल्ली !   सर्वोच्च न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति मामले में सजा पा चुकीं तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता तथा अन्य की जमानत अवधि तबतक के लिए बढ़ा दी है, जबतक कि दोषसिद्धि तथा सजा के खिलाफ उनकी याचिका पर कर्नाटक उच्च न्यायालय फैसला नहीं सुना देता। जयललिता के अलावा, उनकी सहयोगी एन.शशिकला, वी.एन.सुधाकरन तथा जे.एलावरासी की जमानत अवधि को विस्तार दिया गया है।सर्वोच्च न्यायालय ने 18 दिसंबर, 2014 को उनकी जमानत अवधि को चार महीने के लिए बढ़ा दी थी, साथ ही उच्च न्यायालय को उनकी अपील पर 17 अप्रैल तक फैसला सुनाने का निर्देश दिया था।प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एच.एल.दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने जयललिता की अपील पर कोई फैसला सुनाने के लिए उच्च न्यायालय को भी 12 मई तक का समय दे दिया। यह समय सीमा शुक्रवार को खत्म हो रही थी।वरिष्ठ वकील टी.आर.अंध्यारुजिना ने न्यायालय से कहा कि विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) के रूप में जी.भवानी सिंह की नियुक्ति के खिलाफ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के नेता के.अंबाझगन की याचिका पर विभाजित फैसले के बाद अब इसकी सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ करें। इसके बाद न्यायालय ने उच्च न्यायालय द्वारा फैसला सुनाने की समय सीमा आगे बढ़ा दी। उम्मीद जताई जा रही है कि तीन न्यायाधीशों की पीठ 12 मई के पहले मामले की सुनवाई पूरी कर फैसला सुना देगी।न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर ने जहां कहा कि भवानी सिंह की नियुक्ति से कर्नाटक उच्च न्यायालय में जयललिता की अपील पर सुनवाई प्रभावित हुई है, वहीं न्यायमूर्ति भानुमति ने कहा कि भवानी सिंह विशेष लोक अभियोजक के रूप में अपना काम जारी रख सकते हैं, क्योंकि उनकी नियुक्ति एक विशेष मामले में की गई है और कर्नाटक सरकार ने इसे निरस्त नहीं किया।उल्लेखनीय है कि बेंगलुरू की एक निचली अदालत ने बीते साल 27 सितंबर को जयललिता तथा उनकी तीनों पूर्व सहयोगियों को साल 1991 से 1996 के बीच 66.65 करोड़ रुपये के आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी करार दिया था। इस अवधि में जयललिता तमिलनाडु की मुख्यमंत्री थीं। उन्हें चार साल जेल की सजा सुनाई गई थी तथा 100 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया गया था। यह मामला बीते 18 वर्षो से चल रहा है।

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