• ग्रीनपीस पर एक और फंदा

    नई दिल्ली । पूरी दुनिया में हरे-भरे पर्यावरण के लिए काम करने का दावा करने वाले गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) ग्रीनपीस पिछले कुछ दिनों से शक के दायरे में आया हुआ है। पहले उस पर प्रतिबंधित इलाके में मानवरहित ड्रोन विमान उड़ाने का आरोप लगा और अब भारतीय हितों को विदेशों में नुकसान पहुंचाने के लिए अफवाहगर्दी आरोप भी लगाया गया है...

    नई दिल्ली । पूरी दुनिया में हरे-भरे पर्यावरण के लिए काम करने का दावा करने वाले गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) ग्रीनपीस पिछले कुछ दिनों से शक के दायरे में आया हुआ है। पहले उस पर प्रतिबंधित इलाके में मानवरहित ड्रोन विमान उड़ाने का आरोप लगा और अब भारतीय हितों को विदेशों में नुकसान पहुंचाने के लिए अफवाहगर्दी आरोप भी लगाया गया है। यह आरोप किसी प्रतियोगी एनजीओ ने नहीं लगाया है, बल्कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के व्यवस्थित अध्ययन के आधार पर तैयार की गई एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रिपोर्ट कहती है कि भारत में उगाई जाने वाली चाय की पत्तियों में खतरनाक कीटनाशक होने की बात विदेशों में कह कर ग्रीनपीस भारतीय चाय उद्योग को नुकसान पहुंचाना चाहता है। गृह मंत्रालय की यह रिपोर्ट ट्रबल ब्रुइंग ऑन इंडियन टी शीर्षक से प्रकाशित की गई है जिस दावा है कि भारतीय चाय में खतरनाक कीटनाशक मौजूद होते हैं। ग्रीनपीस दावा करता है कि यहां के प्रमुख चाय ब्रांडों में खतरनाक कीटनाशिक पाए जाते हैं। यह सभी ब्रांड  अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोप को निर्यात किए जाते हैं। गृह मंत्रालय ने कहा कि ग्रीनपीस ने फॉरेंसिक विश्लेषण जारी नहीं किया है। खुफिया सूत्रों का मानना है कि यह विश्लेषण यूरोप के किसी देश की एक निजी लैब में किया गया है। गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है, भारतीय चाय बोर्ड इन नतीजों से असहमत है और वह इसे भारतीय चाय निर्यात को प्रभावित करने के प्रयास के रूप में देखता है। ग्रीनपीस का चाय-विरोधी अभियान चीनी चाय कंपनियों के खिलाफ अभियान के समान है।गौरतलब है कि अप्रैल 2012 में ग्रीनपीस ने एक रिपोर्ट चीनी चाय में छिपे तत्व शीर्षक से प्रकाशित की थी, जिसमें चाय के 18 नमूनों में 29 कीटनाशक होने का दावा किया गया था। इसने आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली चावल और गेहूं जैसी चीजों को भी निशाना बनाने और इन क्षेत्रों में कीटनाशकों के दुरुपयोग को रेखांकित करने का फैसला किया है। वहीं, ग्रीनपीस इंडिया ने सरकार की इस रिपार्ट को अपनी छवि खराब करने वाला अभियान बताया और संकल्प लिया कि वह भारत में स्वच्छ वायु, जल और समावेशी विकास के लिए काम करता रहेगा। 

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