• मोदी कैबिनेट का विस्तार 8 को, महबूबा की एंट्री तय, नजमा की हो सकती है छुट्टी

    नई दिल्ली ! केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार जल्द हो सकता है। 9 अप्रैल को मोदी विदेश यात्रा पर जा रहे हैं, इसलिए संभव है कि 8 अप्रैल को मंत्रिमंडल का विस्तार हो। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री नजमा हेपतुल्ला को कैबिनेट से बाहर किया जा सकता है जबकि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी महबूबा मुफ्ती को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। ...

    सत्ता में शामिल हो सकती है शिवसेना नई दिल्ली !  केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार जल्द हो सकता है। 9 अप्रैल को मोदी विदेश यात्रा पर जा रहे हैं, इसलिए संभव है कि 8 अप्रैल को मंत्रिमंडल का विस्तार हो। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री नजमा हेपतुल्ला को कैबिनेट से बाहर किया जा सकता है जबकि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी महबूबा मुफ्ती को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। उम्मीद जताई जा रही है कि मोदी सरकार के मंत्रिमंडल के इस विस्तार में पीडीपी और शिवसेना के कई नेता कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं। जबकि कई केंद्रीय मंत्रियों को उनके पद से हाथ धोना पड़ सकता है। बताया जा रहा है कैबिनेट मे कई मंत्री ऐसे हैं जिनकी कार्यप्रणाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बिलकुल भी रास नहीं आ रही है। मोदी ऐसे मंत्रियों को मंत्रिमंडल से हटाकर अपने कैबिनेट में कई नए चेहरों को शामिल कर सकते हैं। मालूम हो कि मोदी सरकार संसद के आगामी सत्र में राज्यसभा में भूमि अधिग्रहण बिल पेश करने की तैयारी कर रहे है। ऐसे में सरकार के लिए काफी अहम माना जा रहा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि बेंगलूर में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की 3 अप्रैल से दो दिन की बैठक शुरू होगी, जिसमें इस विस्तार पर चर्चा होने की पूरी उम्मीद है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद मोदी कभी भी कैबिनेट का विस्तार कर सकते हैं। नौ राज्यों को जल्द मिलेंगे नए राज्यपालकेंद्र सरकार कांग्रेस शासित पांच राज्यों समेत कुल नौ राज्यों में नए राज्यपालों की शीघ्र नियुक्ति पर विचार कर रही है। मौजूदा समय में पांच राज्यपालों के पास दो राज्यों का अतिरिक्त कार्यभार है। एक राज्यपाल के पास तो चार राज्यों का अतिरिक्त कार्यभार है। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि इन राज्यपालों के कंधे से अतिरिक्त कार्यभार का बोझ कम करने के लिए आने वाले हफ्तों में कुछ नई नियुक्तियां होने की उम्मीद है। असम, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम और मणिपुर में राजभवन इस समय खाली है। इन सभी राज्यों में इस वक्त केंद्र में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की सरकार है। वहीं, बिहार, त्रिपुरा और  तेलंगाना में  जद-यू, वामदल  और टीआरएस की सरकार है। पंजाब में भी राज्यपाल की नियुक्ति होनी हैं। यहां अकाली दल और भाजपा गठबंधन की सरकार है। पुड्डूचेरी में उपराज्यपाल की नियुक्ति होनी है। इन पर है काम का बोझ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी के जिम्मे बिहार, मेघालय तथा मिजोरम का अतिरिक्त प्रभार है। वहीं, नगालैंड के राज्यपाल पद्मनाभ आचार्य असम और त्रिपुरा का भी काम संभाल रहे हैं। हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी के पास पंजाब के राज्यपाल तथा चंडीगढ़ के प्रशासक का अतिरिक्त प्रभार है। इसी तरह राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह हिमाचल प्रदेश का भी काम देख रहे हैं। उत्तराखंड के राज्यपाल केके पॉल मणिपुर के भी प्रभारी हैं। अविभाजित आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन फिलहाल तेलंगाना और शेष आंध्र दोनों ही राज्यों के राज्यपाल हैं। अंडमान तथा निकोबार द्वीप के उपराज्यपाल ले. जनरल (रिटायर्ड) अजय कुमार सिंह पुड्डुचेरी के भी प्रभारी उपराज्यपाल हैं। नई सरकार में 11 राज्यपाल नियुक्त पिछले साल मई में केंद्र की सत्ता संभालने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने अब तक 11 राज्यपालों की नियुक्ति की है। वे हैं- राम नाईक (उप्र), सी. विद्यासागर राव (महाराष्ट्र), पी. सतशिवम (केरल), वजूभाई वाला (कर्नाटक), ओम प्रकाश कोहली (गुजरात), बलराम दास टंडन (छत्तीसगढ़), मृदुला सिन्हा (गोवा), कल्याण सिंह (राजस्थान), केशरीनाथ त्रिपाठी (पश्चिम बंगाल), कप्तान सिंह सोलंकी (हरियाणा) तथा पद्मनाभ आचार्य (नगालैंड)।

अपनी राय दें