• अब निजी कंपनियां करेंगी रेलगाडिय़ों का संचालन

    नई दिल्ली ! रेलवे में सुधार के लिए मोदी सरकार प्राइवेट कंपनियों को यात्री और माल गाड़ी चलाने, कोच और इंजन के निर्माण करने की इजाजत दे सकती है। खस्ता हाल से गुजर रही रेलवे को पटरी पर लाने के लिए मोदी सरकार ने अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय की अध्यक्षता वाली एक समिति बनाई थी। अब इस समिति ने अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी है और रेलवे में कई अहम बदलाव की सिफारिशें भी की हैं। देबरॉय समिति ने अपनी सिफारिशों में कई बड़े बदलाव की बात कही है। ...

    देबरॉय समिति ने की रेलवे में बदलाव की सिफारिशनई दिल्ली !    रेलवे में सुधार के लिए मोदी सरकार प्राइवेट कंपनियों को यात्री और माल गाड़ी चलाने, कोच और इंजन के निर्माण करने की इजाजत दे सकती है। खस्ता हाल से गुजर रही रेलवे को पटरी पर लाने के लिए मोदी सरकार ने अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय की अध्यक्षता वाली एक समिति बनाई थी। अब इस समिति ने अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी है और रेलवे में कई अहम बदलाव की सिफारिशें भी की हैं। देबरॉय समिति ने अपनी सिफारिशों में कई बड़े बदलाव की बात कही है। समिति की सिफारिशों के मुताबिक यात्री और माल गाड़ी चलाने का काम प्राइवेट कंपनियों को सौंप दिया जाना चाहिए। अगर कमेटी की बातें मान ली जाती हैं, तो गाड़ी के डब्बे और इंजन आदि बनाने का काम भी प्राइवेट कंपनियों के हाथों में सौंपा जा सकता है। साथ ही देबरॉय समिति ने यह भी कहा है कि रेलवे का काम सिर्फ ट्रेनों के संचालन का होना चाहिए। रेलवे को स्कूल और अस्पताल चलाने जैसे कल्याणकारी कामों और आरपीएफ  के प्रबंधन से रेलवे को अलग करने की भी बात कही है। समिति ने इंडियन रेलवे मैन्युफैक्चरिंग कंपनी बनाकर रेलवे की सभी प्रोडक्शन यूनिटों को उसके तहत लाने और रेलवे स्टेशनों के प्रबंधन के लिए भी अलग कंपनी बनाने की सिफारिश की है।  रेलवे बोर्ड ने टिकट दलालों पर अंकुश लगाने के लिए कमर कस ली है। इसके लिए पीआरएस सिस्टम में जरूरी फेरबदल किए जा रहे हैं। पहला निशाना ऑनलाइन रिफंड सुविधा का दुरुपयोग कर रेलवे को चूना लगाने वाले दलाल होंगे। दूसरा वार उन लोगों पर किया जाएगा, जिन्होंने सैकड़ों टिकटों की एकमुश्त बुकिंग की तरकीब निकालकर आम यात्रियों के लिए कन्फर्म टिकट पाना दुश्वार कर दिया है। रेलवे बोर्ड के सदस्य यातायात अजय शुक्ला के मुताबिक अब दलालों के बुरे दिन आने वाले हैं। उनके तरह-तरह के गोरखधंधों को बंद करने की पूरी तैयारी हो गई है। उदाहरण के लिए रिफंड रैकेट के काम करने के तौर-तरीकों का पता लगा लिया गया है और उसे ध्वस्त करने के उपाय कर लिए गए हैं। इसी तरह पीआरएस पर होने वाली एकमुश्त बुकिंग पर रोक लगाने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। दलालों ने इस तरह की तकनीक खोज निकाली है कि बुकिंग खुलते ही मिनटों में सारे कन्फर्म टिकट बुक हो जाते हैं। तमाम कोशिशों के बावजूद आम यात्रियों को निराशा हाथ लगती है। टिकट वापसी का खेल हो यह रहा है कि कन्फर्म ई-टिकट पर यात्रा भी की जा रही है और ट्रेन में लैपटॉप से ऑनलाइन कैंसिलेशन के जरिए पैसों की स्वत: वापसी भी हो जाती है। इस पर अंकुश लगाने के लिए अब चार्ट बनने के बाद कन्फर्म टिकटों का ऑनलाइन रिकार्ड खत्म कर दिया जाएगा। इस तरह कन्फर्म टिकट पर ऑनलाइन स्वत: रिफंड पाना असंभव हो जाएगा।

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