• गैस कीमतों में आठ फीसदी की कटौती

    नई दिल्ली ! देश के गैस उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है। अंतरराष्ट्रीय कीमतों में नरमी के बीच प्राकृतिक गैस के दाम लगभग आठ प्रतिशत घटाकर 4.66 डॉलर प्रति इकाई कर दिए गए हैं। इसका असर यह होगा कि जल्द ही बिजली व उर्वरक जैसे उत्पादों की उत्पादन लागत घटेगी। नई दरें पहली अप्रैल से लागू होंगी।...

    सीएनजी की कीमत घटने के आसारनई दिल्ली !   देश के गैस उपभोक्ताओं के लिए राहत भरी खबर है। अंतरराष्ट्रीय कीमतों में नरमी के बीच प्राकृतिक गैस के दाम लगभग आठ प्रतिशत घटाकर 4.66 डॉलर प्रति इकाई कर दिए गए हैं। इसका असर यह होगा कि जल्द ही बिजली व उर्वरक जैसे उत्पादों की उत्पादन लागत घटेगी। नई दरें पहली अप्रैल से लागू होंगी। पेट्रोलियम योजना एवं विश्लेषण प्रकोष्ठ ने एक बयान में बताया कि 1 अप्रैल से 30 सितंबर 2015 की छमाही के लिए प्राकृतिक गैस की कीमत कैलोरिफिक वैल्यू के आधार पर 4.66 डॉलर प्रति एमएमबीटीयू तय की गई है। पिछले साल अक्टूबर में यह कीमत 5.05 डॉलर प्रति इकाई तय की गई थी। यह पहली बार है जब देश में प्राकृतिक गैस की कीमतों में कटौती की गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में गैस के दाम कम होने के मद्देनजर यह कटौती की गई है, क्योंकि गैस के मूल्य निर्धारण में वैश्विक कीमत को भी गणना में शामिल किया जाता है। सरकार के इस निर्णय से संघनित प्राकृतिक गैस (सीएनजी) की कीमतों में कमी की उम्मीद बंधी है। मूल्य में कटौती के बाद नेट हीट वैल्यू के आधार पर प्राकृतिक गैस का मूल्य 5.61 डॉलर प्रति इकाई से घटकर 5.18 डॉलर प्रति इकाई रह जाएगा। पेट्रोलियम मंत्रालय के कीमत प्रकोष्ठ पीपीएसी ने आज इसकी घोषणा करते हुए कहा कि घरेलू उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमत एक अप्रैल से 30 सितंबर तक 4.66 डारल प्रति एमबीटीयू रहेगी। यह कीमत सकल उर्जा मूल्य (जीसीवी) के आधार पर होगी। फिलहाल इस आधार पर गैस की दर 5.05 डॉलर प्रति इकाई (एमबीटीयू) है। वहीं शुद्ध क्लेरोफिक मूल्य (एनसीवी) आधार पर यह दर 5.18 डॉलर रहेगी जो इस समय 5.61 डॉलर है। सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में गैस मूल्य निर्धारण के जिस फार्मूले को मंजूरी दी थी उसी के आधार पर नई कीमत तय की गई है। देश में प्राकृतिक गैस की कीमतों में पहली बार कटौती की गई है। घरेलू गैस कीमत पिछले साल एक नवंबर से 4.2 डॉलर एमएमबीटीयू से बढ़ाकर 5.61 डॉलर प्रति एमबीटीयू की गई थी। प्राकृतिक गैस की कीमत में कमी से ओएनजीसी तथा रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे उत्पादकों की आय प्रभावित होगी वहीं बिजली व उर्वकर क्षेत्र के लिए लागत में कमी आएगी। अक्टूबर 2014 में मंजूर फार्मूले के तहत घरेलू उत्पादित प्राकृतिक गैस की कीमतों की हर छह महीने के अंतराल पर समीक्षा होगी।

अपनी राय दें