• इंजीनियर को थप्पड़ पर गोवा के मंत्री को जाना होगा जेल

    नई दिल्ली। जूनियर इंजीनियर से अभद्रता व उन्हें थप्पड़ जडऩे वाले गोवा विकास पार्टी के विधायक और गोवा के ग्रामीण विकास राज्यमंत्री फ्रांसिस्को जेवियर पचेको को छह महीनों के लिए जेल जाना ही पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने बांबे हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए उन्हें राहत देने से इंकार कर दिया है। जस्टिस एफएमआइ कलीफुल्ला व जस्टिस शिव कीर्ति सिंह की पीठ ने सोमवार को पचेको की विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया। ...

    नई दिल्ली। जूनियर इंजीनियर से अभद्रता व उन्हें थप्पड़ जडऩे वाले गोवा विकास पार्टी के विधायक और गोवा के ग्रामीण विकास राज्यमंत्री फ्रांसिस्को जेवियर पचेको को छह महीनों के लिए जेल जाना ही पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने बांबे हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए उन्हें राहत देने से इंकार कर दिया है। जस्टिस एफएमआइ कलीफुल्ला व जस्टिस शिव कीर्ति सिंह की पीठ ने सोमवार को पचेको की विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया। बिजली विभाग में इंजीनियर के तौर पर कार्यरत कपिल नाटेकर ने तत्कालीन मंत्री पचेको के खिलाफ 15 जुलाई, 2006 को एफआइआर दर्ज कराई थी। कपिल ने पचेको पर अभद्रता व थप्पड़ जडऩे का आरोप लगाया था। घटना से एक दिन पहले पचेको के निजी सहायक ने कपिल को फोन किया था, जिसे वह किन्हीं वजहों से नहीं उठा सके थे। मजिस्ट्रेट की अदालत ने पचेको को एक साल जेल और पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी, जिसके खिलाफ अपील पर उनकी सजा छह माह कर दी गई। जुर्माना भी घटाकर 15 सौ रुपये कर दिया गया था। लेकिन सत्र अदालत ने उन्हें छोडऩे का आदेश दिया, जिसे बांबे हाई कोर्ट ने पलट दिया। हाई कोर्ट के आदेश को पचेको ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे शीर्ष अदालत ने बरकरार रखा। मुख्यमंत्री पारसेकर की बढ़ी मुश्किलें इस फैसले ने गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पचेको को राज्य मंत्रिपरिषद में रखने को लेकर मुख्यमंत्री को ही अंतिम फैसला लेना है। इस बाबत पूछे जाने पर पारसेकर ने कहा कि मुझे कोर्ट के आदेश को देखना पड़ेगा। आदेश को पढ़े बिना मैं इस पर कोई फैसला नहीं ले सकता। पारसेकर की बढ़ी मुश्किलेंइस फैसले ने गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पचेको को राज्य मंत्रिपरिषद में रखने को लेकर मुख्यमंत्री को ही अंतिम फैसला लेना है। इस बाबत पूछे जाने पर पारसेकर ने कहा कि मुझे कोर्ट के आदेश को देखना पड़ेगा। आदेश को पढ़े बिना मैं इस पर कोई फैसला नहीं ले सकता।

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