• कश्मीर में भारी तबाही बारिश-हिमपात ने बरपा कहर

    श्रीनगर ! कश्मीर एक बार फिर बारिश और हिमपात के कहर से कांप उठा है। कश्मीर वादी अभी तक सितंबर में आई बाढ़ की मार से पूरी तरह उबरी भी नहीं है कि फिर से बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। कई स्थानों पर झेलम समेत अन्य नदी नालों का पानी खतरे के निशान को पार कर गया था जबकि कई इलाकों में घरों में घुसने लगा था। चारों ओर त्राहि-त्राहि मची हुई है ...

    भारी तबाही, हजारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, सितम्बर 2014 याद हुई ताजाश्रीनगर !   कश्मीर एक बार फिर बारिश और हिमपात के कहर से कांप उठा है। कश्मीर वादी अभी तक सितंबर में आई बाढ़ की मार से पूरी तरह उबरी भी नहीं है कि फिर से बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। कई स्थानों पर झेलम समेत अन्य नदी नालों का पानी खतरे के निशान को पार कर गया था जबकि कई इलाकों में घरों में घुसने लगा था। चारों ओर त्राहि-त्राहि मची हुई है क्योंकि झमाझम बारिश के बीच हिमपात का भी तड़का लगने लगा था। हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। कई मकान गिर गए हैं। बारिश का कहर पूरे राज्य में बरप रहा है। राज्यभर में हाई अलर्ट जारी किया गया है। लोग दुआएं मांग रहे हैं पर मौसम विभाग कहता है कि ऐसे हालात 4 अप्रैल तक बने रहेंगें।कश्मीर वादी में 4 अप्रैल तक मौसम खराब रहने की आशंका जताई गई है। विडंबना यह है कि रविवार को सुबह से मौसम विभाग के सिस्टम बिजली न होने के चलते बंद पड़े हैं। मौसम विभाग के पास जो जेनरेटर हैं, उसमें उनके रडार काम नहीं कर रहे और उन्हें अभी तक नए जेनरेटर नहीं मिले हैं।श्रीनगर शहर में राम मुंशीबाग इलाके में जलस्तर 12.6 फीट दर्ज किया गया जबकि खतरे का जलस्तर 16 फीट होता है। वहीं बांडीपुरा जिले के अशाम में जलस्तर 12.50 फीट दर्ज किया गया जबकि खतरे का स्तर 30 फीट होता है। कश्मीर घाटी में भारी बारिश से भूस्खलन के बाद कम से कम 44 इमारतें क्षतिग्रस्त हुई हैं। इनमें से 18 घरों को नुकसान पहुंचा है। पुलिस का कहना है कि पिछले 24 घंटों में भारी बारिश हुई है। सेंट्रल कश्मीर में बडग़ाम जिले के चोंतिनार गांव में भारी बारिश से भूस्खलन हुआ और इसमें 8 घरों समेत 10 गोशाला पिछली शाम को तबाह हो गए। कम से कम 26 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। पुलिस का कहना है कि अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।पिछले साल सितंबर में आई बाढ़ के कारण इस बार की बारिश के बाद लोग सहमे हुए हैं। घाटी में बाढ़ की तबाही से लोग अभी उबरने में ही लगे हैं। ऐसे में भारी बारिश से स्थानीय लोग खौफजदा हैं। पुलिस का कहना है कि स्थानीय लोगों को घरों से बाहर सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का  काम शुरू कर दिया गया है।बारिश के कारण भूस्खलन के बाद श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाइवे बंद हो गया है। ट्रैफिक डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने बताया कि जगह-जगह भूस्खलन के कारण नेशनल हाइवे पूरी तरह से ठप है। अधिकारी ने कहा कि रोड को मुरम्मत करने के लिए शनिवार तक बंद कर दिया गया था लेकिन फिर भारी बारिश होने के चलते स्थिति और बिगड़ गई। ऐसे में हाइवे लगातार दूसरे दिन भी बंद है। घाटी में शनिवार को भारी बारिश हुई थी। इस वजह से घाटी की नदियों के जल स्तर में अचानक वृद्धि हो गई। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले 6 दिनों तक और बारिश होगी। रविवार और 4 अप्रैल को भारी बारिश होने की आशंका है।हालांकि बाढ़ नियंत्रण विभाग का कहना है कि झेलम नदीं में पानी का स्तर अभी खतरे के निशान से नीचे है इसलिए चिंता करने की जरूरत नहीं है। भारी बारिश के कारण श्रीनगर के निचले इलाके राजबाग में पानी भर गया है। पिछले साल सितंबर में आई बाढ़ से यह इलाका बुरी तरह से प्रभावित हुआ था। राजबाग का मेन रोड 18 इंच बारिश के पानी से डूब गया है। लाल चौक और रीगल चौक की सड़कों पर भी बारिश का पानी भरा हुआ है। श्रीनगर के उपायुक्त फारुक अहमद लोन ने कहा कि बारिश का पानी निकालने का काम टेक्निकल फॉल्ट और पावर सप्लाई सिस्टम की वजह से देरी से शुरू हुआ।इस बीच उप-मुख्यमंत्री निर्मल सिंह ने विधानसभा में बताया कि कश्मीर घाटी में लगातार बारिश के कारण बाढ की आशंका के मद्देनजर मुख्यमंत्री मुफ्ती सईद श्रीनगर के दौरे पर गए हैं।  सिंह ने विधानसभा में बताया कि भारी बारिश के कारण उत्पन्न स्थिति के प्रति प्रशासन सचेत है और स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि सभी एहतियाती उपाय किए जा रहे हैं, इसीलिए लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है।

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