• आप के लोकपाल को भी बाहर का रास्ता

    नई दिल्ली ! आम आदमी पार्टी (आप) ने लंबे समय से चली आ रही आंतरिक कलह के बीच रविवार को पार्टी के आंतरिक लोकपाल सेवानिवृत्त एडमिरल रामदास को हटा दिया। उनके स्थान पर पार्टी ने तीन लोकपालों का एक दल बनाया है, जिसमें दो पूर्व पुलिस अधिकारी शामिल हैं। अपने दो असंतुष्ट नेताओं -प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव- के खिलाफ कार्रवाई ...

    नई दिल्ली !  आम आदमी पार्टी (आप) ने लंबे समय से चली आ रही आंतरिक कलह के बीच रविवार को पार्टी के आंतरिक लोकपाल सेवानिवृत्त एडमिरल रामदास को हटा दिया। उनके स्थान पर पार्टी ने तीन लोकपालों का एक दल बनाया है, जिसमें दो पूर्व पुलिस अधिकारी शामिल हैं। अपने दो असंतुष्ट नेताओं -प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव- के खिलाफ कार्रवाई करने के अगले दिन रविवार को पार्टी ने नए आंतरिक लोकपाल और एक नई अनुशासन समिति के गठन का फैसला किया। इसके साथ ही आप की राज्य इकाइयों की स्थिति का विश्लेषण करने के लिए भी समति गठित की गई है। आप ने भूमि अधिग्रहण के खिलाफ विरोध करने के लिए 22 अप्रैल को संसद का घेराव करने का भी फैसला किया है।इसके साथ ही आप ने राष्ट्रीय परिषद की शनिवार को हुई बैठक में केजरीवाल के भाषण का वीडियो जारी किया है, जिसके बाद पार्टी की शीर्ष समिति से प्रशांत और योगेंद्र को बाहर निकाला गया और उसके बाद दोनों ने केजरीवाल को तानाशाह बताया। योगेंद्र और प्रशांत खुद को बाहर निकाले जाने के मामले को सर्वोच्च न्यायालय और निर्वाचन आयोग ले जाने के मुद्दे पर विचार कर रहे हैं। आप ने रविवार को कहा कि पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल रामदास को उनके पद से हटाया नहीं गया है, बल्कि उनका कार्यकाल खत्म हो गया था। पार्टी के नेता संजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा, "एक नई लोकपाल समिति गठित की गई है। रामदास का कार्यकाल समाप्त हो गया था, इसलिए नए लोकपाल को नियुक्त करना आवश्यक था। इसे रामदास को हटाने या बर्खास्त किए जाने के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।"नई लोकपाल समिति में सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी एन. दिलीप कुमार (दिल्ली पुलिस) और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के पूर्व उपमहानिरीक्षक राकेश सिन्हा और शिक्षाविद् एस.पी. वर्मा शामिल होंगे। नई अनुशासन समिति में प्रशांत भूषण के स्थान पर पूर्व पत्रकार आशीष खेतान, सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश वाघेला और पंकज गुप्ता के नाम शामिल हैं। वाघेला इस समिति के प्रमुख होंगे। पार्टी नेता पंकज गुप्ता ने बताया कि संजय सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति राज्यों में पार्टी की संभावना का अध्ययन करेगी। उन्होंने कहा कि यह समिति बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं की समस्याओं और चंदे से निपटेगी और उन राज्यों में पार्टी के राजनीतिक आधार का पता लगाएगी।उन्होंने कहा, "यह समिति एक विस्तृत रपट के बाद राज्यों के लिए पार्टी के एजेंडे और भविष्य की योजनाएं तैयार करेगी।"गुप्ता ने कहा कि 22 अप्रैल को भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ संसद का घेराव करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा, "भूमि अधिग्रहण विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का फैसला शनिवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की देर रात हुई बैठक में लिया गया। घेराव को संपन्न कराने लिए के लिए एक छह सदस्यीय समिति गठित की गई है।"प्रशांत, योगेंद्र और उनके समर्थकों ने केजरीवाल पर हमला किया। प्रशांत ने केजरीवाल के संदर्भ में कहा, "यह स्टालिनवादी व्यवस्था है और केवल एक ही व्यक्ति की चलेगी। आशीष खेतान को अनुशासन समिति में नियुक्त करना हास्यास्पद है, वह भी तब, जब उन्होंने मेरे खिलाफ निजी टिप्पणियां की हो।"उन्होंने कहा, "इसके साथ ही जिस तरह से लोकपाल को हटाया गया है वह आप के संविधान के खिलाफ है। आप के संविधान के तहत लोकपाल ही अपने उत्तराधिकारी की नियुक्ति करता है।"योगेंद्र ने कहा, "राष्ट्रीय कार्यकारिणी को नया लोकपाल नियुक्त करने का कोई अधिकार नहीं है। केवल लोकपाल ही अपना उत्तराधिकारी नियुक्त कर सकता है। यह सुनकर स्तब्ध हूं कि जिस पार्टी का गठन ही लोकपाल आंदोलन पर हुआ हो, उसी ने अपने लोकपाल को बाहर कर दिया।"

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