• सिंगापुर : ली कुआन को दी गई अंतिम विदाई

    सिंगापुर ! सिंगापुर के संस्थापक और प्रथम प्रधानमंत्री ली कुआन यू के अंतिम संस्कार से पूर्व विश्वविद्यालय सांस्कृतिक केंद्र (यूसीसी) में आयोजित श्रद्धांजलि सभा संपन्न हो गई। यूसीसी सिंगापुर के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में स्थित है। निजी संस्कार के लिए शव को अब मंडाई श्मशान ले जाया जाएगा। ली को अंतिम विदाई देने के लिए रविवार तक 14 लाख से अधिक लोग पहुंचे। ...

    सिंगापुर !  सिंगापुर के संस्थापक और प्रथम प्रधानमंत्री ली कुआन यू के अंतिम संस्कार से पूर्व विश्वविद्यालय सांस्कृतिक केंद्र (यूसीसी) में आयोजित श्रद्धांजलि सभा संपन्न हो गई। यूसीसी सिंगापुर के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में स्थित है। निजी संस्कार के लिए शव को अब मंडाई श्मशान ले जाया जाएगा। ली को अंतिम विदाई देने के लिए रविवार तक 14 लाख से अधिक लोग पहुंचे। दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देने के लिए चार दिनों में करीब 415,000 लोग आए। ली को अंतिम विदाई देने पहुंचे विश्व के नेताओं में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ली कुआन यू के निधन से एक युग का अंत हो गया है। वह हमारे समय के एक महान नेता थे।ली (91) का 23 मार्च को सिंगापुर जनरल अस्पताल में निधन हो गया था। 5 फरवरी से वे निमोनिया से जूझ रहे थे।ली को अंतिम विदाई देने पहुंचे विश्व के नेताओं में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं। मोदी के अलावा अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबॉट भी अंतिम संस्कार में शामिल हुए। मोदी ने रविवार को कहा कि सिंगापुर के प्रथम प्रधानमंत्री ली कुआन यू समकालीन राजनीति के एक महान नेता और भारत के मित्र थे। ली के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए रविवार सुबह सिंगापुर पहुंचने के बाद मोदी ने कहा कि ली को भारत की क्षमता में अधिक भरोसा था।भारतीय प्रधानमंत्री ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "ली कुआन यू के निधन से एक युग का अंत हो गया है। वह हमारे समय के एक महान नेता थे।"उन्होंने कहा, "वह वैश्विक विचारक थे। वह आर्थिक प्रगति की वकालत करते थे, और साथ ही उन्होंने हमारे क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता लाने के लिए अथक प्रयास किया।"मोदी ने कहा कि ली की निजी जिंदगी उनके जैसे ही कइयों के लिए प्रेरणा रही है। प्रधानमंत्री ने संवेदना पुस्तिका में लिखा, "वह न सिर्फ सिंगापुर बल्कि पूरे एशिया के लिए आशा की मशाल थे।" उन्होंने कहा, "आज, वह मशाल नहीं रहा, लेकिन यह एक ऐसी मशाल थी जिसने कई नए देशों में आशा के दीप जला दिए हैं। आशा के ये दीप जबतक जलते रहेंगे, तबतक वह हमें प्रेरित करते रहेंगे। मैं भारत की जनता की तरफ से इस प्रतिबद्ध कर्मयोगी, महान शख्सियत को नमन करता हूं। मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।"उन्होंने कहा कि ली भारत की क्षमता में हममें से कइयों से ज्यादा भरोसा करते थे। मोदी ने कहा, "भारत का सिंगापुर के साथ संबंध विश्व में अन्य देशों की तरह ही मजबूत था और सिंगापुर भारत के एक्ट ईस्ट पॉलिसी का मुख्य स्तंभ है।"अंतिम संस्कार आयोजन समिति के एक सूत्र के मुताबिक, ली को अंतिम विदाई देने के लिए रविवार तक 14 लाख से अधिक लोग पहुंचे।दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देने के लिए चार दिनों में करीब 415,000 लोग आए। इस दौरान उनके पार्थिव शरीर को 25 मार्च से 28 मार्च तक देश के संसद भवन में रखा गया था।रविवार का कार्यक्रम संसद भवन से उनके ताबूत को विश्वविद्यालय सांस्कृतिक केंद्र (यूसीसी) तक ले जाने के लिए निकाली गई शव यात्रा के साथ शुरू हुआ। इस दौरान आकाश बिलकुल साफ हो गया।जिस समय उनकी शव यात्रा शुरू हुई अधिकारी बारिश में परेड करते चलते रहे।ली कुआन यू के सबसे बड़े बेटे प्रधानमंत्री ली सीन लूंग ने अपने परिवार की तरफ से पुष्पचक्र चढ़ाया, जबकि राष्ट्रपति टोनी तान केन याम ने देश की तरफ से पुष्पचक्र चढ़ाया और इसके साथ ही श्रद्धांजलि सभा संपन्न हुई।प्रधानमंत्री ली सीन लूंग के दूसरे नंबर के बेटे ली सीन यांग, श्रमिक नेता जी. मुथुकुमारसामी, पूर्व वरिष्ठ मंत्री गोह चोक तोंग एवं अन्य ने ली के बारे में अपने विचार रखे।राष्ट्र धुन बजने के बाद जैसे ही श्रद्धांजलि पूरी हुई, वैसे ही पूरे सिंगापुर में एक मिनट का मौन रखा गया।सिंगापुर सरकार की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, एक मिनट के मौन से ठीक पहले सभी मास रैपिड ट्रांजिट (एमआरटी) रेलगाड़ियों को स्टेशन पर रोक दिया गया और दरवाजे खोल दिए गए।एमआरटी नेटवर्क एवं बस अड्डों पर यात्रियों के लिए लगाए गए सूचना पट्ट पर 'ली कुआन यू के सम्मान में एक मिनट का मौन' लिखा गया और इस संबंध में स्टेशनों एवं रेलगाड़ियों में उद्घोषणाएं भी की गईं।एक मिनट के मौन के दौरान सभी एमआरटी और सड़क गतिविधियां रोक दी गईं।राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार में उपस्थित अतिथियों की संख्या 2,200 है। अतिथियों में विदेश से आए प्रतिनिधि और सिंगापुर के सभी वर्ग के लोग शामिल थे।

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