• गहराया संकट : नए स्टिंग में फंसे केजरीवाल

    नई दिल्ली ! आम आदमी पार्टी में अहम के टकराव का सच सामने आ गया है। वरिष्ठ पार्टी नेताओं से आप संयोजक अरविंद केजरीवाल से चल रहा मतभेद अब इस कदर आगे बढ़ चुका है कि पार्टी में कभी भी टूट हो सकती है। बगावती नेता प्रशांत भूषण व योगेंद्र यादव ने जहां केजरीवाल पर जमकर आरोपों की बौछार की है वहीं एक नए स्टिंग ने केजरीवाल की परेशानी को बढ़ा दिया है।...

    वरिष्ठ नेताओं पर की अभद्र टिप्पणीनई दिल्ली !  आम आदमी पार्टी में अहम के टकराव का सच सामने आ गया है। वरिष्ठ पार्टी नेताओं  से आप संयोजक अरविंद केजरीवाल से चल रहा मतभेद अब इस कदर आगे बढ़ चुका है कि पार्टी में कभी भी टूट हो सकती है। बगावती नेता प्रशांत भूषण व योगेंद्र यादव ने जहां केजरीवाल पर जमकर आरोपों की बौछार की है वहीं एक नए स्टिंग ने केजरीवाल की परेशानी को बढ़ा दिया है। स्टिंग में उमेश सिंह नामक व्यक्ति से केजरीवाल को यह कहते हुए पाया गया है कि वो राजनीति में झगड़ा करने के लिए नहीं आए हैं। यदि जरूरत पड़ी तो वो अलग पार्टी बना सकते हैं। इस दौरान केजरीवाल को अपशब्द बोलते हुए भी सुना गया। उन्होंने कई पार्टी नेताओं पर टिप्पणी करते हुए अभ्रद भाषा का प्रयोग किया। इस स्टिंग केसामने आने के बाद केजरीवाल गुट सकते में आ गया है। हालांकि पार्टी प्रवक्ता आशुतोष ने इस पर सफाई देते हुए कहा है कि इसे निजी बातचीत के संदर्भ में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि घर का मुखिया यदि गुस्सा होता है तो अपने छोटों को डांटते हुए ऐसी भाषा का कभी- कभार प्रयोग कर देता है। वहीं इससे पहले आप नेता प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव ने अरविंद केजरीवाल पर खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया और कहा कि उन्होंने अराजक व्यवहार करते हुए पार्टी के अंदर विरोधी स्वर को सुनने से इकार कर दिया। आप नेता योगेंद्र यादव के साथ यहां मीडिया को संबोधित करते हुए प्रशांत ने कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली हार के बाद पार्टी के केजरीवाल दिल्ली में कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाना चाहते थे, जबकि कई इसका विरोध कर रहे थे। उन्होंने कहा किलोकसभा चुनाव के बाद ऐसी बात की जा रही थी कि आप को कांग्रेस के सहयोग से दिल्ली में सरकार बनानी चाहिए। राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक बुलाई गई और इसके पांच सदस्यों ने इस पर विरोध जताया तथा चार ने समर्थन किया। प्रशांत के मुताबिक, अरविंद ने कहा कि बतौर राष्ट्रीय संयोजक उनके पास अंतिम फैसला लेने का अधिकार है और उन्होंने दिल्ली में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस का समर्थन लेने का फैसला किया है। हमने इसका विरोध किया और मामला राष्ट्रीय कार्यकारिणी के समक्ष रखा गया। वहां भी पार्टी के अधिकांश सदस्यों ने इसका विरोध किया। अरविंद ने कहा कि उन्होंने कभी ऐसे संगठन में काम नहीं किया, जहां उनका आदेश नहीं सुना गया। जबकि योगेंद्र ने कहा कि वह और प्रशांत उस आंदोलन की मूल भावना को बचाने के लिए लड़ रहे हैं, जिसने आप को जन्म दिया है।  इसे निजी बातचीत के संदर्भ में देखा जाना चाहिए। घर का मुखिया यदि गुस्सा होता है तो अपने छोटों को डांटते हुए ऐसी भाषा का कभी- कभार प्रयोग कर देता है : आशुतोषवर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली हार के बाद केजरीवाल दिल्ली में कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाना चाहते थे, जबकि कई इसका विरोध कर रहे थे : प्रशांत भूषण'आपÓ का पलटवार'यादव-भूषण मुद्दों को लेकर नहीं थे संजीदाÓ राष्ट्रीय कार्यकारिणी में चुनिंदा लोगों को ही चाहते थे देखना भूषण और यादव के आरोपों पर आप पार्टी ने त्वरित प्रतिक्रिया दी है। आप नेता संजय सिंह, आशुतोष और आशीष खेतान ने एक संवाददाता सम्मेलन में भूषण और यादव के आरोपों का सिलसिलेवार ढंग से जवाब दिया। संजय सिंह ने कहा कि यादव और भूषण के प्रतिनिधि पांच मुद्दों को लेकर संजीदा नहीं थे, वे लोग राष्ट्रीय कार्यकारिणी में चुनिंदा लोगों को चाहते थे। योगेंद्र यादव ने जिस स्टिंग ऑपरेशन की निंदा की थी उस स्टिंग ऑपरेशन का आज प्रशांत भूषण समर्थन कर रहे हैं। संजय सिंह ने कहा कि पीएसी ने प्रशांत भूषण की ओर से उठाए गए पांच में से कुछ मुद्दों पर पहले ही निर्णय कर लिया था और कुछ पर काम किया जा रहा है। वे यह बताने में लगे हैं कि वे दोनों ही पार्टी को लेकर गंभीर हैं और समस्याएं केवल हम लोगों में हैं।

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