• उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा पुल क्षतिग्रस्त

    बस्ती (उप्र) ! उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर को जोड़ने वाला पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। पुल में बड़ी दरार आने से सभी वाहनों के गुजरने पर रोक लगा दी गई है। पुल में आई दरार को देखने अभी कोई जिम्मेदार अफसर नहीं पहुंचा है। सालभर पहले ही चालू किए गए पुल की यह हालत देख लोग काफी आक्रोश में हैं। प्रदेश का सबसे लंबा पुल यदि सालभर के भीतर ही क्रैक हो जाए,...

    बस्ती (उप्र) !  उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर को जोड़ने वाला पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। पुल में बड़ी दरार आने से सभी वाहनों के गुजरने पर रोक लगा दी गई है। पुल में आई दरार को देखने अभी कोई जिम्मेदार अफसर नहीं पहुंचा है। सालभर पहले ही चालू किए गए पुल की यह हालत देख लोग काफी आक्रोश में हैं। प्रदेश का सबसे लंबा पुल यदि सालभर के भीतर ही क्रैक हो जाए, जिसमें जिले से लेकर प्रदेश स्तर तक के अधिकारियों की निगरानी रही हो। बावजूद इसके पूल में दरार आना प्रशासनिक अमले पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।खात बात यह है कि जनवरी महीने में केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय राजमार्ग को मंजूरी दी थी और इसी पुल से वाहनों को गुजरना है। सभी फिक्रमंद हैं कि बड़ी मुश्किल से बने पुल कहीं उनकी मुश्किलों को बढ़ा न दे।यह पुल बस्ती में लुम्बिनी दुद्धी राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित कलवारी टांडा को जोड़ता है। लोगांे और राजनेताओं की काफी मशक्कत के बाद वर्ष दो हजार छह में मौजूदा समाजवादी सरकार ने पुल के निर्माण के प्रस्ताव को हरी झंडी दी थी। इसका निर्माण उत्तर प्रदेश ब्रिज कारपोरेशन ने आठ साल में तैयार कराया था। आजमगढ़, इलाहाबाद, वाराणसी सहित तमाम जिलों की दूरी कम करने वाला पुल अब अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है।गौरतलब है कि विगत 19 नवंबर 2013 को प्रदेश के कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव ने इस पुल का उद्घाटन किया था। यही नहीं, अपनी गुणवत्ता को विख्यात ब्रिज कारपोरेशन जब निर्माण में लगा था तभी कलवारी की ओर पड़ने वाला चौथे पिलर में दरार आ गई थी, जिसे टेक्निकल अफसरों ने सही बताया था। मगर आज सब कुछ पलट गया है। पुल के चौथे ही पिलर में पड़ने वाले जोड़ की दूरी बढ़ गई है या यूं कहें कि एक बड़ी दरार बन गई है। यह दरार जानलेवा हो सकती है। राहगीरों की सूचना पर तत्काल सभी वाहनों के गुजरने पर रोक लगा दी गई है। किसी अनहोनी से बचाने के लिए पुलिसकर्मी कुछ मिनटों में ही तत्काल हरकत में आकर ड्यूटी पर मुस्तैद हो गए।आईपीएन संवाददाता का कहना है, "पुराना सरकारी आदेश है कि पुल का फोटो खींचना मना है। मगर बहुत अफसोस के साथ आज यह वीडियो शूट करना पड़ रहा है, क्योंकि फोटो देखे बिना कोई यकीन नहीं करेगा कि पुल में दरार आ गई है।"

अपनी राय दें