• अटल 'भारत रत्न' से अलंकृत

    नई दिल्ली ! पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को शुक्रवार शाम देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से अलंकृत किया गया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अटल के घर जाकर एक सादे समारोह में उन्हें सम्मानित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस भावपूर्ण क्षण के साक्षी बने। राष्ट्रपति ने प्रोटोकॉल को दरकिनार करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अस्वस्थ दिग्गज नेता को उनके आवास 6, कृष्ण मेनन मार्ग जाकर भारत रत्न सम्मान दिया।...

    नई दिल्ली !   पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को शुक्रवार शाम देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से अलंकृत किया गया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अटल के घर जाकर एक सादे समारोह में उन्हें सम्मानित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस भावपूर्ण क्षण के साक्षी बने। राष्ट्रपति ने प्रोटोकॉल को दरकिनार करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अस्वस्थ दिग्गज नेता को उनके आवास 6, कृष्ण मेनन मार्ग जाकर भारत रत्न सम्मान दिया।इस समारोह में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाजपेयी के निवास स्थान पर आकर उन्हें पदक देने के लिए राष्ट्रपति का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, "वाजपेयी का जीवन राष्ट्र को समर्पित रहा। वह देश के लिए जिए। उनका एक-एक क्षण देश लिए था। मेरे जैसे सभी कार्यकर्ताओं (भाजपा कार्यकर्ता) के लिए वाजपेयी जी प्रेरणास्रोत रहे और आगे भी रहेंगे। उनका जीवन हमें प्रेरित करता रहेगा।"उल्लेखनीय है कि वर्ष 2002 में गुजरात दंगों से आहत तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल ने राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी से कहा था, "आपने राजधर्म नहीं निभाया।"केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने वाजपेयी के आवास के बाहर मीडियाकर्मियों को इस बात की जानकारी दी कि राष्ट्रपति ने वाजपेयी को पदक दे दिया है। आवास के अंदर चल रहे समारोह में मीडियाकर्मियों को जाने की अनुमति नहीं थी। बाद में एक तस्वीर जारी की गई, जिसमें राष्ट्रपति वाजपेयी के गले में पदक पहनाते दिख रहे हैं। वाजपेयी पहले गैर कांग्रेसी नेता हैं, जो लगातार पांच साल (1999-2004) प्रधानमंत्री रहे। इसके पहले वह 13 दिन व 13 महीने तक प्रधानमंत्री रहे।साल 1998 में भारत को परमाणु शक्ति संपन्न देश घोषित कर उन्होंने पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया। वाजपेयी की प्रसिद्धि की तुलना इंदिरा गांधी से की जाती है। इंदिरा गांधी तथा उनके पिता जवाहरलाल नेहरू के बाद वह देश के बेहतरीन नेता माने जाते हैं। वाजपेयी पहली बार साल 1962 में राज्यसभा पहुंचे। साल 1971 में उन्होंने लोकसभा का चुनाव जीता। वह लोकसभा के लिए सात बार, जबकि राज्यसभा के लिए दो बार चुने गए। बीते साल दिसंबर में मोदी ने वाजपेयी (90) तथा शिक्षाविद् मदन मोहन मालवीय (मरणोपरांत) को भारत रत्न देने की घोषणा की थी।जेटली ने संवाददाताओं से कहा, "एक संक्षिप्त समारोह में वाजपेयी को पदक प्रदान किया गया। बीमार होने के कारण वाजपेयी घर पर ही रहते हैं। समारोह उनके आवास पर हुआ। वाजपेयी जी हमारे सर्वोच्च नेता हैं।"उन्होंने कहा कि समारोह में कई केंद्रीय मंत्री, जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित कई मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत तथा जनता दल-युनाइटेड के अध्यक्ष शरद यादव मौजूद थे। पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे.अब्दुल कलाम भी समारोह में मौजूद थे।जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में वाजपेयी बेहद प्रभावशाली राष्ट्रीय नेता थे। उन्होंने कई मंत्रालयों का कार्यभार संभाला। एक प्रखर वक्ता, राजनेता तथा कवि के रूप में उन्होंने अपनी छाप छोड़ी। उन्होंने इसे खुशी का अवसर करार दिया।राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, राष्ट्रपति मुखर्जी ने प्रोटोकॉल को दरकिनार करते हुए राष्ट्रपति ने वाजपेयी के आवास पर एक सादे समारोह में उन्हें सम्मान प्रदान किया।

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