कोलकाता ! पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में शुक्रवार को एक अदालत ने राणाघाट में 71 वर्षीय एक नन से सामूहिक दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिक को 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। गोपाल सरकार नाम के इस आरोपी को राज्य पुलिस के अपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने उत्तरी 24 परगना जिले के हाबड़ा से गुरुवार को गिरफ्तार किया था। गोपाल पर आरोप है कि उसने उन लुटेरों को शरण दी जिन्होंने जीसस और मैरी कॉन्वेंट में लूटपाट की थी और 71 वर्षीय नन का दुष्कर्म किया था। गोपाल को पुलिस ने शुक्रवार को दिन के समय राणाघाट में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष अदालत में पेश किया। अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा, "अपने निवेदन में हमने अदालत से कहा कि गोपाल ने उन लोगों को शरण दी थी जिन्होंने जघन्य अपराध को अंजाम दिया था। उसने वारदात से पहले और बाद में अपराधियों को शरण दी। उसने अपराध को अंजाम देने में अपराधियों का साथ दिया। उसने इस घटना से भौतिक लाभ लिया है।"उन्होंने कहा, "हमने एकत्रित की गई सामग्री को सबूत के तौर पर अदालत में पेश किया। दलीलें सुनने के बाद अदालत ने हमारी बात मान ली और उसे 14 दिनों की सीआईडी हिरासत में भेज दिया।"सीआईडी ने गोपाल के पास से जब्त किए गए दो मोबाइल फोन अदालत के समक्ष पेश किए और दावा किया कि उसके कॉल रिकॉर्ड से एक बात साफ है कि वह लगातार उन बांग्लादेशी अपराधियों के गिरोह के संपर्क में था, जिन्होंने कॉन्वेंट में लूटपाट की थी। घटना के 12 दिनों बाद गुरुवार को सीआईडी को पहली सफलता हाथ लगी और उसने दो बांग्लादेशी नागरिकों मोहम्मद सलीम को मुंबई से और सरकार को बंगाल से गिरफ्तार किया। शेख को बाद में पश्चिम बंगाल लाया गया और अदालत के समक्ष पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। 14 मार्च को अपराधियों ने रात दो बजे से तड़के पांच बजे तक कॉन्वेंट में जमकर उपद्रव मचाया था। घटना के तुरंत बाद ही राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीआईडी जांच के आदेश दे दिए थे।