नई दिल्ली ! भारत के तमाम विरोधों को दरकिनार करते हुए बीबीसी ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 की रात चलती बस में एक युवती के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना पर आधारित अपने विवादास्पद वृत्तचित्र का प्रसारण कर दिया है। बीबीसी के इस मनमानी रवैये के खिलाफ भारत ने उसे कानून नोटिस भेजा है। यही नहीं एक घंटे के इस वृत्तचित्र को दुनियाभर में उपलब्ध कराने की नीयत से किसी अज्ञात व्यक्ति ने इसे यू-ट्यूब पर अपलोड कर दिया है। बीबीसी फोर चैनल पर दिखाया गया इंडियाज डॉटर वृत्तचित्र दुष्कर्म कांड के दोषियों में से एक के जेल में लिए गए साक्षात्कार के कारण विवादों में है। केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा था कि वह यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी कि वृत्तचित्र का प्रसारण भारत से बाहर भी न किया जाए। वहीं, बीबीसी ने आज तड़के 3.30 बजे (भारतीय समय के अनुसार) वृत्तचित्र का प्रसारण करने से ठीक पहले एक बयान में कहा कि फिल्म दुष्कर्म के मामले को बहुत जिम्मेदारी से लेती है और इसमें संपादकीय दिशा-निर्देशों का पालन किया गया है। भारतीय सरकार ने बुधवार को बीबीसी को यह सुनिश्चित करने के लिए एक लिखा था कि यह वृत्तचित्र भारत या विदेशों में किसी भी माध्यम के जरिए प्रसारित न होने पाए। इंडियाज डॉटर नाम के इस वृत्तचित्र को ब्रिटिश फिल्मकार लेस्ली उडविन ने बनाया है। यह वृत्तचित्र दुष्कर्म के दोषियों में से एक के साक्षात्कार के कारण विवादों में है। पीडि़ता को इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया था, जहां एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई थी। यह वृत्तचित्र पहले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आठ मार्च को प्रसारित किया जाना था। इस बीच संयुक्त राष्टï्र संघ ने भी कहा कि कांड के दोषी के बयान को बोलना भी अनुचित होगा। वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा है कि इस फिल्म के दिखने पर भारत में रोक लगा दी गई है। प्रसारण से दुखी गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि डॉक्यूमेंट्री के प्रसारण से मुझे काफी दुख हुआ। हमने कहा था कि निर्भया डॉक्यूमेंट्री का प्रसारण नहीं होना चाहिए। गृह मंत्रालय इस संबंध में जरूरी कार्रवाई करेगा। वहीं पूर्व गृह राज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने कहा कि निर्भया डॉक्यूमेंट्री के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है और न ही इस संबंध में कोई फाइल मेरे पास आई। मैंने इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर कोई इजाजत नहीं दी थी।