• उत्तर प्रदेश में होली पर स्वाइन फ्लू और सर्द मौसम का साया

    लखनऊ ! स्वाइन फ्लू और सर्द मौसम उत्तर प्रदेश में होली के उत्साह पर पानी फेर सकते हैं। राज्य में स्वाइन फ्लू का आंकड़ा 16 पर पहुंच गया है, ऊपर से पारी भी नीचे खिसक गया, जिसके कारण होली के उत्साह में कमी हो सकती है। कुछ लोगों ने 'होली मिलन' को टालने का फैसला लिया है। ...

    लखनऊ !   स्वाइन फ्लू और सर्द मौसम उत्तर प्रदेश में होली के उत्साह पर पानी फेर सकते हैं। राज्य में स्वाइन फ्लू का आंकड़ा 16 पर पहुंच गया है, ऊपर से पारी भी नीचे खिसक गया, जिसके कारण होली के उत्साह में कमी हो सकती है। कुछ लोगों ने 'होली मिलन' को टालने का फैसला लिया है। उत्सव मनाने के लिए लोग जमा होते हैं जिसे होली मिलन कहा जाता है।रंग खेलने वालों ने भी शुक्रवार को होली पर अपनी योजना में कटौती करने की संभावना जाहिर की है।राज्य के पूर्व नगर विकास मंत्री लालजी टंडन को छोड़कर अधिकांश विधायक भी इस बार हल्के-फुल्के ढंग से ही होली मनाने वाले हैं। लालजी टंडन हर साल बड़े धूम-धाम से होली मनाते हैं।सत्ताधारी समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया मुलायम सिंह यादव की तबीयत भी थोड़ी खराब है तथा उनके भी होली समारोह में शामिल न होने की संभावनाएं हैं।हालांकि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने होली मनाने के लिए अपनी बर्लिन यात्रा रद्द कर दी है। वह अपने गृहनगर इटावा के अपने गांव सैफई में होली का जश्न मनाएंगे।यहां के आशियाना कालोनी के बुजुर्गो के स्वघोषित होली हुल्लड़ दल ने 'होली मिलन' को निरस्त कर दिया है। इस दौरान खाने-पीने पर वे पड़ोसियों के साथ मुलाकात करते हैं।एक व्यापारी अंशुमान तिवारी ने कहा, "बीमारी और उसके बाद मौसम ने हमें वार्षिक कार्यक्रम को स्थगित करने के लिए बाध्य किया है और जब चीजें सामान्य होंगी तब इसका आयोजन किया जाएगा।"उन्होंने आगे बताया कि इस बार की होली अपने ही दायरे में सिमटी रहेगी क्योंकि स्वाइन फ्लू का सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को है।निराला नगर के निवासी सतीश चंद्र दुबे ने भी उत्सव में कमी करने का फैसला लिया है। उनके बच्चे और उनकी पत्नी मुंबई में हैं।सेवानिवृत्त हो चुके पेशे से चिकित्सक सतीश चंद्र ने कहा कि थोड़ी शराब या भांग वाली ठंडई लेने के बाद वह खुद के साथ ही समय गुजारेंगे। ठंडई उनके पड़ोसी परोसेंगे।दुबे ने कहा, "स्वाइन फ्लू का खतरा और सभी चीजों के बढ़े हुए दाम देखते हुए किसकी हिम्मत होली मनाने की है।"इंटर कॉलेज में शिक्षिका और सीतापुर रोड निवासी आरती मिश्र के भी ठीक वैसे ही विचार हैं।

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