• आप की पीएसी से बाहर हो सकते हैं प्रशांत, योगेंद्र

    नई दिल्ली ! आम आदमी पार्टी (आप) में जारी अंर्विरोध बुधवार को खुलकर सामने आ सकता है। पार्टी की बुधवार को होने जा रही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी नेता योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण पर सख्त फैसला लेते हुए उन्हें पार्टी की शीर्ष समिति से बाहर निकाला जा सकता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि उन्हें पार्टी के अंदर खुलेआम चल रहे संग्राम से बहुत दुख हुआ है।...

    नई दिल्ली !  आम आदमी पार्टी (आप) में जारी अंर्विरोध बुधवार को खुलकर सामने आ सकता है। पार्टी की बुधवार को होने जा रही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी नेता योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण पर सख्त फैसला लेते हुए उन्हें पार्टी की शीर्ष समिति से बाहर निकाला जा सकता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि उन्हें पार्टी के अंदर खुलेआम चल रहे संग्राम से बहुत दुख हुआ है।आप सूत्र ने आईएएनएस से कहा कि बुधवार को होने वाली 21 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ वकील और आप के संस्थापक सदस्य प्रशांत भूषण और राजनीतिक पंडित योगेंद्र यादव को नौ सदस्यों वाली पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) से बाहर निकालने का फैसला लिया जा सकता है। अगर इस तरह का फैसला लिया जाता है तो प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव पार्टी के लिए फैसला नहीं ले सकेंगे। प्रशांत भूषण और योंगेंद्र यादव अगर पीएसी से बाहर निकाले जाने को अपना अपमान समझते हैं तो वे पार्टी भी छोड़ सकते हैं।उल्लेखनीय है कि दिल्ली के विधानसभा चुनावों में आप ने 70 में से 67 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी। आप के उच्चस्तरीय सूत्र ने आईएएनएस से कहा, "पार्टी के ज्यादातर सदस्य यादव और भूषण पर कार्रवाई करने के पक्ष में हैं।"ज्यादातर नेताओं को लगता है कि पार्टी में तथाकथित आंतरिक लोकतंत्र की कमी बताते हुए उन्होंने आप की छवि को धूमिल किया है। सूत्र ने कहा, "यह साफ है कि वह केजरीवाल के खिलाफ गैंग बना रहे थे, जिन्होंने अपने पार्टी के पुनर्निर्माण के लिए बीते एक साल में अपने स्वास्थ्य पर भी ध्यान नहीं दिया।"सूत्र ने यह भी स्वीकारा कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी के कुछ सदस्यों सहित पार्टी का एक छोटा तबका ऐसे किसी भी कदम के पक्ष में नहीं है जो भूषण और यादव के आप छोड़ने का कारण बने। आप ने इसी बीच घोषणा की कि केजरीवाल शर्करा के बढ़ते स्तर का प्राकृतिक चिकित्सा उपचार के लिए बुधवार को 10 दिनों के लिए बेंगलुरू जा रहे हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि वह कार्यकारिणी की बैठक में शामिल नहीं होंगे।केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा कि वह लोगों के भरोसे को नहीं टूटने देंगे। उन्होंने कहा, "पार्टी में जो कुछ भी हो रहा है, उससे मैं बहुत दुखी और आहत हूं। यह दिल्ली के लोगों के हम पर किए गए भरोसे के साथ धोखा है।"केजरीवाल ने लिखा, "मैं इस गंदे झगड़े में नहीं पडूंगा। मैं दिल्ली में सरकार चलाने पर ध्यान दूंगा। जनता के भरोसे को किसी भी हालत में टूटने नहीं दूंगा।"प्रशांत भूषण के पिता व अग्रणी वकील शांति भूषण ने अपने बेटे के साथ-साथ आप नेता योगेंद्र यादव से पार्टी में संघर्षविराम और केजरीवाल का समर्थन करने की भी अपील की है।योंगेंद्र यादव ने मंगलवार को कहा, "मैंने और प्रशांत भूषण ने पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र के लिए आवाज उठाई थी। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। अगर मेरे खिलाफ कोई कार्रवाई होती है तो मैं देखूंगा।"प्रशांत भूषण ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत करने से मना कर दिया। यादव पर आप के एक तबके द्वारा आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने केजरीवाल को राष्ट्रीय संयोजक के पद से हटाने का प्रयास किया। आप नेताओं ने हालांकि इन आरोपों को खारिज करते हुए पार्टी में शांति स्थापित करने की अपील की। आप ने कहा कि केजरीवाल का शर्करा स्तर 300 से ऊपर है। इसीलिए उन्होंने प्राकृतिक चिकित्सा उपचार कराने का फैसला लिया है। केजरीवाल की अनुपस्थिति में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया मुख्यमंत्री के रूप में कामकाज संभालेंगे। पिछले महीने ही दिल्ली के दूसरी बार मुख्यमंत्री बने केजरीवाल को लंबे समय से मधुमेह की बीमारी है।

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