विमान दुर्घटनाओं पर बोले रक्षा मंत्री60 फीसदी दुर्घटनाओं के पीछे हेलीकॅाप्टर की खराबी नहीं, बल्कि मानवीय त्रुटियां हैं। 23 फीसदी दुर्घटनाएं मौसम की खराबी के कारण हैं : मनोहर पार्रिकरनई दिल्ली ! रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज राज्यसभा में कहा कि देश में सैन्य हेलीकॅाटरों की दुर्घटना की संख्या में कमी आयी है, पुराने हेलीकाप्टरों की जगह 388 नए हेलीकाप्टर खरीद के लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए गए है। उन्होंने कहा कि विमान उड़ानों के घंटे पहले से अधिक बढ़े हैं।दस हजार घंटे की उड़ान पर एक दुर्घटना हुई है। उन्होंने कहा कि हमारे हेलीकॅाटरों को मौत के विमान कहना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले हम हर साल 6 या सात हजार उड़ान भरते थे पर अब हर साल करीब 50 हजार घंटे की उड़ान भर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 60 फीसदी दुर्घटनाओं के पीछे हेलीकॅाप्टर की खराबी नहीं, बल्कि मानवीय त्रुटियां हैं। 23 फीसदी दुर्घटनाएं मौसम की खराबी के कारण हैं। पर्रिकर ने बताया कि 388 नए हेलीकॅाटरों को खरीदने के लिए योजना को मंजूरी दे दी गई है तथा उनके लिए कंपनियों से प्रस्ताव भी आमंत्रित किए गए हैं। ये हेलीकॅाटर संयुक्त उद्यम क्षेत्र में निजी क्षेत्रों के सहयोग से भारत में बनाए जाएंगे। पर्रिकर ने आज प्रश्नकाल के दौरान छह महीने के भीतर हेलीकॅाटर दुर्घटनाओं में सैन्य कर्मियों की बढ़ती मृत्यु के बारे में पूछ गए पूरक प्रश्नों के उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गत छह महीने में पहली अक्टूबर से इस वर्ष 11 फरवरी तक चीता- जेड 3209 तथा धु्रव वन ए-1119 हेलीकॅाटर की दुर्घटना से केवल पांच मौतें हुई है और छह महीने के आधार पर दुर्घटनाओं की संख्याओं को अधिक नहीं बताया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गत 24 वर्ष में केवल 73 दुर्घटनाएं हुई हैं और इनकी संख्या में कमी आई है। उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं का आधार इस बात से तय किया जाना चाहिए कि विमान की उड़ान अविधि के दौरान कितनी दुर्घटनाएं हुई।