नई दिल्ली ! वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र के विकास और गरीबी को कम करने के लिए देश को दस साल से अधिक समय तक लगातार नौ से 10 फीसदी विकास दर हासिल करने की •ारूरत है। जेटली ने कहा ' हमें संसाधनों की जरूरत है और हम जबतक नौ से 10 फीसदी आर्थिक विकास दर हासिल नहीं कर लेते हमें संसाधन प्राप्त नहीं होंगे इसलिए मैं चाहूंगा कि अगले 10 वर्ष में भारत के आर्थिक विकास की दर नौ से 10 फीसदी पर पहुंचे। बजट पेश करने के बाद दो दिनों जेटली ने कहा कि उन्हें इस बात का अनुभव है कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए देश को अधिक से अधिक विदेशी निवेश आकर्षित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा मुझे इस तथ्य पर कोई संदेह नहीं है कि देश में उपलब्ध निवेश काफी कम है। यहां तक कि हमारे बैंकों की वित्त उपलब्ध कराने की क्षमता भी कम है इसलिए जहां भी निवेश उपलब्ध है उसे देश में लाने की जरूरत है। वित्तमंत्री ने कहा कि देश में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी सरकार का यह पहला पूर्ण बजट है। इसमें देश की सड़क और रेलवे के विकास के लिए अधिक से अधिक निवेश आकर्षित करने का वादा किया गया है। साथ ही विदेशी कंपनियों को कर में रियायत देने का प्रस्ताव भी है। वित्त वर्ष 2015-16 में आर्थिक विकास दर जारी वित्त वर्ष के 7.4 प्रतिशत से बढ़कर आठ से 8.5 प्रतिशत पर पहुंचने का अनुमान है। जेटली ने चीन का उदाहरण देते हुए कहा वह लंबे समय से उच्च विकास दर हासिल करने में सफल रहा है। अगर भारत आठ प्रतिशत विकास दर तक पहुंच सकता है तो नौ से 10 फीसदी के लक्ष्य को भी प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए हमें देश में निरंतर मजबूत आधारभूत ढांचा बनाने के प्रयास करते रहने होंगे ताकि गरीबी दर को काफी तेजी से कम किया जा सके।बजट में राजकोषीय घाटा भी 2.8 फीसदी रखने का लक्ष्य है जो अधिक माना जा रहा है, हालाांकि यह चालू वित्त वर्ष के 2.9 फीसदी से मामूली कम है। हमें संसाधनों की जरूरत है और हम जबतक नौ से 10 फीसदी आर्थिक विकास दर हासिल नहीं कर लेते हमें संसाधन प्राप्त नहीं होंगे इसलिए मैं चाहूंगा कि अगले 10 वर्ष में भारत के आर्थिक विकास की दर नौ से 10 फीसदी पर पहुंचे : अरुण जेटली