• मुद्रास्फीति का लक्ष्य छह फीसदी से कम रखेगा आरबीआई

    नई दिल्ली ! रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया खुदरा मुद्रास्फीति का टारगेट जनवरी 2016 तक 6 फीसद से कम रखेगा। वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक के बीच मुद्रास्फीति के लक्ष्य को लेकर सहमति बन गई है। रिजर्व बैंक मार्च 2017 तक मुद्रस्फीति का लक्ष्य करीब 4 प्रतिशत रखेगा। मौद्रिक नीति ढांचा समझौते पर 20 फरवरी को हस्ताक्षर हुआ, जिसका लक्ष्य मुख्य तौर पर वृद्धि के उद्देश्य को ध्यान में रखकर मूल्य स्थिरता को कायम रखना है। जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति 5.11 प्रतिशत थी। ...

    मुद्रास्फीति के लक्ष्य पर बनी सहमतिनई दिल्ली !  रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया खुदरा मुद्रास्फीति का टारगेट जनवरी 2016 तक 6 फीसद से कम रखेगा। वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक के बीच मुद्रास्फीति के लक्ष्य को लेकर सहमति बन गई है। रिजर्व बैंक मार्च 2017 तक मुद्रस्फीति का लक्ष्य करीब 4 प्रतिशत रखेगा। मौद्रिक नीति ढांचा समझौते पर 20 फरवरी को हस्ताक्षर हुआ, जिसका लक्ष्य मुख्य तौर पर वृद्धि के उद्देश्य को ध्यान में रखकर मूल्य स्थिरता को कायम रखना है। जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति 5.11 प्रतिशत थी। वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक के बीच हुए एग्रीमेंट में कहा गया, रिजर्व बैंक जनवरी 2016 तक मुद्रास्फीति को 6 प्रतिशत से नीचे लाने का लक्ष्य रखेगा। वित्त वर्ष 2016-17 और बाद के सालों का लक्ष्य होगा 4 प्रतिशत। इसमें दो प्रतिशत बढ़ोतरी या कमी का दायरा शामिल होगा। बता दें कि इस एग्रीमेंट में मुद्रास्फीति के टारगेट को हासिल करने के लिए मौद्रिक नीति के पहलों पर फैसला करने की खुली छूट दी गई है। लेकिन इसके तहत रिजर्व बैंक के लिए आवश्यक है कि यदि किसी अवधि में उक्त लक्ष्य प्राप्ति में चूक होती है, तो उसे केंद्र सरकार को रिपोर्ट देनी होगी। आरबीआई को हर छह महीने पर एक रिपोर्ट पेश करनी होगी। इसमें मुद्रास्फीति के स्रोतों और 6 से 8 महीने की समयसीमा के लिए मुद्रास्फीति के आंकलन का विवरण देना होगा। लोकसभा में आम बजट पेश में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहना था कि मुद्रास्फीति को छह प्रतिशत से कम रखने के लिए मौद्रिक नीति के एक ढांचे पर अनुसरण किया जाएगा। उन्होंने कहा, यह आश्वस्त करने के लिए कि मुद्रास्फीति पर हमारी जीत संस्थागत हो। यह लगातार बनी रहे, इसके लिए हमने भारतीय रिजर्व बैंक के साथ मौद्रिक नीति के ढांचे के संबंध में एक एग्रीमेंट किया है। इस ढांचे का लक्ष्य है मुद्रास्फीति को 6 प्रतिशत से नीचे रखना और हम इस साल आरबीआई अधिनियम में संशोधन की दिशा में आगे बढ़ेंगे और मौद्रिक नीति समिति का गठन करेंगे।ं

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