• जम्मू एवं कश्मीर की समृद्ध के लिए शांति बेहद जरूरी

    जम्मू ! जम्मू एवं कश्मीर के नए मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने रविवार को शपथ ग्रहण के बाद कहा कि अगर प्रदेश को विकास करना है, तो शांति बेहद जरूरी है। शपथ ग्रहण के बाद संवाददाताओं से सईद ने कहा, "यदि जम्मू एवं कश्मीर को समृद्ध होना है, तो शांति इसकी पहली शर्त है।"...

    जम्मू !   जम्मू एवं कश्मीर के नए मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने रविवार को शपथ ग्रहण के बाद कहा कि अगर प्रदेश को विकास करना है, तो शांति बेहद जरूरी है। शपथ ग्रहण के बाद संवाददाताओं से सईद ने कहा, "यदि जम्मू एवं कश्मीर को समृद्ध होना है, तो शांति इसकी पहली शर्त है।"शपथ ग्रहण में शामिल होने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, "मैंने प्रधानमंत्री को यह बात स्पष्ट कर दिया है कि प्रदेश में शांति की शुरुआत करनी होगी, ताकि यह विकास व समृद्धि की दिशा में अग्रसर हो सके।"सईद ने कहा कि प्रदेश में शांति के लिए मोदी सरकार को भारत व पाकिस्तान के बीच वार्ता में आ रही रुकावटों को दूर करने की जरूरत होगी। उन्होंने कहा, "जब सीमा पर गोलीबारी होती है, तो हम लोग अपना घर छोड़कर अस्थायी आवासों की ओर रुख करते हैं। यह बंद होना चाहिए और यह शांति से ही संभव है।"सईद ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की गठबंधन सरकार के मुखिया के तौर पर रविवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। सईद ने पाकिस्तान के मामले में शांति के दृष्टिकोण के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रशंसा की कहा कि सीमा पर तनाव के बावजूद उन्होंने संबंधों को बहाल रखा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, अलगाववादी हुर्रियत नेताओं तथा आतंकवादियों ने प्रदेश में चुनाव में बाधा उत्पन्न करने का प्रयास नहीं किया। सईद ने कहा, "अतीत के बारे में चर्चा करने के बदले मैं अपने शांति तथा सुशासन के एजेंडे पर बात करना पसंद करूंगा।"सईद ने सरकार गठन को लेकर दो महीने के विलंब को न्यायोचित ठहराते हुए कहा कि उन्हें कोई जल्दी नहीं थी।उन्होंने कहा, "मैंने अपने सहयोगियों से कहा कि भले ही न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) पर परस्पर सहमति बनने में तीन महीने का समय लगे, मुझे कोई जल्दबाजी नहीं है।"कश्मीर घाटी तथा जम्मू एवं लद्दाख क्षेत्र की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, "शांति एवं सुशासन के लिए सीएमपी सावधानीपूर्वक तैयार किया गया एक दस्तावेज है जो प्रदेश के तीनों क्षेत्रों में सतत शांति व विकास को सुनिश्चित करने का एक दीर्घावधि का एजेंडा है।"सीएमपी (गठबंधन का एजेंडा) की प्रतियों को संवाददाता सम्मेलन के दौरान जारी किया। एजेंडे का उद्देश्य लोकतंत्र को मजूबत करने के लिए समावेशी राजनीति, स्मार्ट सरकार प्रदान करना, आत्मनिर्भर और संतुलित विकास लाना तथा जम्मू एवं कश्मीर के तमाम मसलों के समाधान के लिए स्थितियां पैदा करना है। सीएमपी के मुताबिक, नई सरकार पाकिस्तानी कश्मीर से 1947, 1965 तथा 1971 में आए शरणार्थियों की समस्या के एकमुश्त निपटारे पर काम करेगी।सीएमपी के मुताबिक, सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफ्सपा) के मुद्दे पर सरकार उन अशांत इलाकों का निरीक्षण करेगी कि वहां अफ्स्पा हटाने की जरूरत है या नहीं और इससे केंद्र सरकार को अफ्स्पा पर फैसला लेने में मदद मिलेगी।

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